मुंबई के बांद्रा में मंगलवार को अप्रवासी मजदूरों के द्वारा लॉक डाउन (Lock Down) का उल्लंघन किए जाने के बाद पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज करके उन्हें तितर बितर करने पर कामयाब तो हो गई थी लेकिन अब तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि आखिर यह अफवाह किसने फैलाई थी कि बांद्रा स्टेशन से ट्रेने निकलेंगी. मंगलवार की शाम को मुंबई पुलिस ने इन लॉक डाउन (Lock Down) तोड़ने वालों पर महामारी अधिनियम के तहत 1000 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मुंबई पुलिस अब सीसीटीवी कैमरों में इन लोगों की तलाश करने में जुट गई है. आपको बता दें कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर मुंबई के बांद्रा थाने में आईपीसी की धारा 143,147,149,186,188 के तहत मामला दर्ज किया गया है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि ट्रेन शुरू होने की अफवाह फैलाने वाले बात पर जांच की जा रही है और अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी.
ट्रेन चालू होणार या प्रकारची अफवा ज्यांनी पसरविली त्याबद्दलचा तपास करण्याचे आदेश देण्यात आले आहे, तसेच चौकशी करून अफवा पसरविणाऱ्यावर कडक कारवाई करण्यात येईल.
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 14, 2020
आपको बता दें कि इसके पहले मंगलवार को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर लॉक डाउन (Lock Down) का जमकर उल्लंघन किया गया. सोशल मीडिया पर छाईं बांद्रा स्टेशन की इन तस्वीरों को देखकर एक बार फिर से लोगों में कोरोनावायरस (Corona Virus) का भय जाग गया है. इन तस्वीरों में हम खुलेआम देखते हैं कि कैसे यहां पर लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है. करीब तीन हजार मजदूर बांद्रा सेंट्रल पर इकट्ठा हो गए. इन सभी मजदूरों की मांग थी कि उन्हें उनके गांव जाने की इजाजत दी जाए.
पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए भांजी लाठियां
शुरुआत में तो पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की. लेकिन जब लोग नहीं माने तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर लोगों को तितर-बितर किया. जानकारी के मुताबिक इस भीड़ में कामगार मजदूर थे. जिनका कहना था कि उनके पास खाने-पीने की कोई सुविधा नहीं. एडिशनल कमिश्नर ने न्यूज नेशन से बात करते हुए कहा कि कई लोगों की मांग थी कि उन्हें उनके गांव भेजा जाए.
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मजदूरों के लॉकडाउन तोड़ने पर शुरू हो गई राजनीति
मजदूरों के लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर सियासत भी शुरू हो गई. शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने ट्विटर पर लिखा है कि, बांद्रा स्टेशन पर मजदूरों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस की लाठी चार्ज से मामला हल नहीं हो रहा है. सूरत में तो दंगों के जैसे हालात हैं . मजदूर सिर्फ भोजन और आश्रय ही नहीं चाहता है वो अपने घरों को वापस जाना चाहते हैं. यह केंद्र सरकार की विफलता है कि वो प्रवासी श्रमिकों को उनके घर वापस भेज पाने की व्यवस्था कर पाने में असक्षम रही है, बांद्रा स्टेशन पर खड़ी भीड़ इसी का परिणाम है.
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अखिलेश यादव ने दी योगी सरकार को नसीहत
अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नसीहत दे डाली है. अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, 'मुंबई में हजारों लोगों के सड़कों पर आकर घर लौटने की मांग को देखते हुए उप्र की सरकार तुरंत नोडल अधिकारी नियुक्त करे व केंद्र के साथ मिलकर महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में फँसे प्रदेश के लोगों को निकाले. जब अमीरों को जहाज से विदेशों से ला सकते हैं, तो गरीबों को ट्रेनों से क्यों नहीं.'