अगर आप सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे वॉट्सऐप या फेसबुक के किसी ग्रुप के एडमिन है तो थोड़ा सावधान हो जाइये। अगर इन सोशल प्लेटफार्म में कोई भी अफवाह फैलाई तो इससे आपको सजा हो सकती है। सोशल मीडिया पर बने इन ग्रुप में सदस्य अपने विचार, फोटो , वीडियो और खबरें शेयर करते है। ऐसे में खूब अफवाहें भी फैलाई जाती है।
इसी के चलते वाराणसी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने एक संयुक्त आदेश में साफ किया है कि अगर गलत तथ्यों, अफवाह या गलत सूचनाएं सोशल मीडिया के किसी ग्रुप पर शेयर किया जाएगा तो ग्रुप एडमिन के खिलाफ FIR दर्ज कराया जा सकता है।
यह आदेश जिला अधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी द्वारा 19 अप्रैल को जारी किया गया जिसमे कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहुत महत्व्पूर्ण है अैर स्वतंत्रता के साथ्ज्ञ ही जिम्मेदारी भी जरूरी है।
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आदेश में कहा गया है कि ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूरी तरह परिचित होने चाहिए। ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलत बयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफवाह बन जाए, पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन को तत्काल उसका खंडन कर उस सदस्य को ग्रुप से हटाना चाहिए।
अफवाह, भ्रामक तथ्य, सामाजिक समरसता के विरुद्ध तथ्य आदि पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना देनी चाहिए जिससे वैधानिक कार्यवाही हो सके। ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट, साइबर क्राइम और आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। भारत में करीब 200 मिलियन लोग वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते है।
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Source : News Nation Bureau