हवाई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लैरी किमुरा ने M-87 आकाशगंगा में स्थित ब्लैकहोल का नाम दे दिया है. इस ब्लैक होल का नाम 'पोवेही' रखा है, जिसकी पहली वास्तविक तस्वीर बुधवार को जारी हुई थी। 'पोवेही' शब्द का अर्थ होता है बहुत गहरी अलंकृत रचना. खगोलविदों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में शामिल कुल 8 टेलीस्कोप में से 2 अमेरिकी राज्य हवाई में स्थित थे इसलिए यह नाम उपयुक्त है. सीएनएन के मुताबिक पोवेही एक हवाईन वाक्यांश है जो 18वीं शताब्दी के कुमुलीपो जो कि हवाईन रचना का मंत्र को पढ़ते समय उच्चारित (जपा) किया जाता है. 'पो' जिसका अर्थ होता है एकांत रचना का गहरा स्रोत और 'वेही' जो कि 'पो' के कई तरीकों में से एक है, जिसका जप में वर्णन किया गया है।
हवाइन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने बताया, यह कमाल की बात है कि एक हवाईन के रूप में कुमूलिपो की पहचान अभी भी है. इसकी 2102 पंक्तियों के जाप में बहुत पुरानी पहचान से जोड़ने में सक्षम है. इस नाम के द्वारा आज हम अपने जीवन की इस अनमोल विरासत को आगे ले आते हैं.
कुमलीपो ने कहा कि, ब्लैकहोल की पहली वैज्ञानिक पुष्टि कर उसका नाम हवाईन रखे जाने के बाद मैने अपना और अपने पूर्वजों का नाम सार्थक कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम हवाईन खगोल विज्ञान के मुताबिक भविष्य में और पाए जाने वाले ब्लैक होल का नामकरण जारी करने में सक्षम रहेंगे. पोवेई की तस्वीर ने प्रतिमानों का बदलाव शुरू कर दिया. यह एक डोनेट जैसा दिखता है जैसा कि वैज्ञानिकों ने बताया कि यह एक गर्म चमकते हुए आवरण के चारो ओर गहरा सिल्हुट रंग का घेराव है यह क्षितिज की तरह से दिखाई देता है जो एक अंधेरे और प्रकाश की सीमा है.
Source : ANI