पाकिस्तान (Paksitan) से महज 14 किलोमीटर दूर जम्मू के सतवारी एयरबेस पर शनिवार-रविवार देर रात पांच मिनट के अंतराल पर हुए दो धमाकों ने भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों की पेशानी पर बल ला दिए हैं. पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद शुरुआती जांच में इस हमले के भी तार पाकिस्तान से जुड़ते लग रहे हैं. अभी हालांकि ड्रोन से हमले की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन जिस तरह से परिसर की इमारत की छत पर सुराख हुआ, उससे आशंका जताई जा रही है कि ये एक आतंकी हमला है और इसमें क्वॉडकॉपर ड्रोन के जरिए स्टेशन पर आसमान से पे-लोड गिराए गए. यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि पाकिस्तान से सक्रिय आतंकी संगठनों ने पिछले साल चीन से ड्रोन खरीदे थे, जो 20 किलोग्राम पे-लोड के साथ 25 किलोमीटर की उड़ान भरने में सक्षम थे. इन्हीं सब बातों के आलोक में एनआईए (NIA) समेत एनएसजी और फोरेंसिक की टीम जम्मू में जांच कर रही है. साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया भी स्थिति की बराबर निगरानी कर रहे हैं. यही नहीं, इसके पहले कई बार सीमा पार से हथियार की तस्करी में लिप्त ड्रोन को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराने में सफलता हासिल की है.
पांच मिनट के अंतराल पर दो धमाके
अभी तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर देर रात दो धमाके हुए. पहला धमाका रात 1:37 बजे हुआ और दूसरा ठीक 5 मिनट बाद 1:42 बजे हुआ. पहला धमाका छत पर हुआ, इसलिए छत को नुकसान पहुंचा है, लेकिन दूसरा धमाका खुली जगह पर हुआ. ये धमाका कैसे हुआ और किसने किया इसकी जांच की जा रही है, लेकिन अब तस्वीर इस धमाके को एक आतंकी हमले की साजिश की ओर धकेल रही है. एयरफोर्स स्टेशन पर एनआईए और एनएसजी की टीम पहुंच चुकी है और इस धमाके की जांच टेरर एंगल से भी कर रही है. इसके बाद अंबाला, पठानकोट और अवंतिपुरा एयरबेस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. इस धमाके को ड्रोन हमला माना जा रहा है. इस हमले के निशाने पर एयरबेस पर खड़े हेलिकॉप्टर और अन्य सैनिक साज-ओ-सामान थे.
यह भी पढ़ेंः जम्मू एयरपोर्ट में ब्लास्ट आतंकी साजिश? धमाके के लिए ड्रोन का इस्तेमाल
पाक आतंकी समूहों ने चीन से खरीदे थे अत्याधुनिक ड्रोन
सूत्रों का कहना है कि भले ही धमाकों में ज्यादा नुकसान न हुआ हो, लेकिन ड्रोन अटैक की आशंका से एयरफोर्स स्टेशन जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है. खुफिया सूत्र बताते हैं कि पिछले साल ही पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने चीन से कुछ ड्रोन खरीदे थे. ये ड्रोन 20 किलो तक का पेलोड उठाने और 25 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम थे. गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान और वहां की जमीन से चलने वाले आतंकी संगठन ड्रोन के जरिए भारत में हथियार, असलहा-बारूद गिराने का काम कर रहे हैं. अब तक कई बार भारतीय सुरक्षाबल और एजेंसियां पाकिस्तान के इस मंसूबों को नाकाम कर चुकी है. न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि राजस्थान और पंजाब में भी पाकिस्तान की सीमा से लगती इलाकों में पाक प्रेषित ड्रोन से जुड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं. अगर जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले की पुष्टि हो जाती है, तो अपने किस्म के आतंकी हमले का यह देश में पहला मामला होगा. इसके साथ ही इससे भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों समेत महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा पर नए सिरे से नीति बनाने की नौबत आ सकती है.
यह भी पढ़ेंः जम्मू एयरपोर्ट के तकनीकी क्षेत्र के अंदर दो धमाके हुए, कोई नुकसान नहीं, जांच जारी
2016 में बनाया था पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन को निशाना
यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि 2016 में पठानकोट के वायु सेना के अड्डे पर फिदायीन हमला हुआ था. इस हमले में पाकिस्तानी आतंकियों ने एयरफोर्स बेस को निशाना बनाते हुए हमला किया था. 2 जनवरी 2016 को पंजाब के पठानकोट में हुए इस हमले के दौरान 65 घंटे तक आतंकियों से मुठभेड़ चली थी, जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे. वहीं 6 आतंकियों को मार गिराया गया था. इस घटनास्थल से कुल 120 किलोमीटर दूर अब एक और एयरफोर्स स्टेशन (जम्मू) में ब्लास्ट की घटना सुरक्षा पर सवाल उठा रही है. साथ ही पठानकोट आतंकी हमले के जख्म एक बार फिर से ताजा हो गए हैं.
HIGHLIGHTS
- इमारत की छत पर हुआ सूराख दे रहा ड्रोन हमले की आशंका को बल
- पाक के आतंकी समूहों ने बीते साल चीन से खरीदे थे आधुनिक ड्रोन
- 20 किलो पे-लोड के साथ 25 किमी उड़ान भरने में सक्षम हैं ड्रोन