बीते साल लद्दाख (Ladakh) में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों से भारतीय जवानों की हिंसक झड़प के बाद मोदी सरकार (Modi Government) वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हर ढीले पेंच को कस लेना चाहती है. इसके लिए भारतीय सेना के आधुनिकीकरण का काम तेजी से चल रहा है. ताजा घटनाक्रम में रक्षा मंत्रालय रूस से एक-103 असॉल्ट राइफल्स खरीद रहा है. इसके साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगे इलाकों के विकास को भी पहली प्राथमिकता दी जा रही है. ड्रैगन की विस्तारवादी नीतियों को पहचान कर मोदी सरकार लेह-लद्दाख बार्डर तक तेजी से रेल और सड़क मार्ग विकसित कर रही है. इस कड़ी में एशिया की सबसे लंबी और ऊंचाई पर स्थिति जोजिला टनल के सामानांतर नई रेल-रोड टनल बनाने का प्रस्ताव है. इसे जोजिला (Zojila) फेज-2 परियोजना के नाम से जाना जाएगा.
रेल-सड़क माध्यम वाली देश की पहली सुरंग होगी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जोजिला टनल फेज-2 को बनाने का उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति में जरूरत के लिहाज से आवागमन में सुविधा प्रदान करना होगा. मसलन यदि सड़क मार्ग बंद हो जाता है, तो रेल मार्ग से भारतीय सेना के लिए सैन्य साज-ओ-सामान, रसद और भारी तोपखाने आदि को तेजी के साथ पहुंचाया जा सके. बताया जा रहा है कि यह देश की पहली ऐसी सुरंग होगी, जिसमें रेलवे ट्रैक पर ट्रेन और सड़क पर वाहन चलेंगे. इसके लिए पीएमओ ने ही लेह-लद्दाख बार्डर कनेक्टिविटी के लिए सुरंग में ही सड़क के साथ रेलवे ट्रैक पर काम करने का सुझाव दिया था.
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हरी झंडी मिलते ही शुरू हो जाएगा काम
पीएमओ के इस सुझाव के बाद सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरधर अरमाने को एनएचएआईडीसीएल ने जोजिला टनल फेज-2 का प्रेजेंटेशन दिया था. इसमें दो विकल्पों पर काम किया गया था. पहला सुरंग में सिर्फ रेलवे ट्रैक बनाने. दूसरा रेल और रोड़ टनल दोनों का एक साथ निर्माण करना था. इस परियोजना से परिचित सूत्र के मुताबिक पता चला कि रेलवे की श्रीनगर-लेह के बीच ट्रैक बनाने की योजना नहीं है. रेलवे हिमाचल के मनाली-लेह वाया बिलासपुर रेलवे ट्रैक बनाने पर विचार कर रहा है. इस रूट पर रेलवे 40 से अधिक रेल टनल बनाएगा. इसके बाद गिरधर ने एनएचएआईडीसीएल के शीर्ष अधिकारियों से जम्मू-श्रीनगर-कारगिल-लेह परियोजना शुरू करने को लेकर रेल मंत्रालय से बात करने के निर्देश दिए हैं.
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भारी बर्फबारी के मौसम में नहीं कटेगा हिस्सा
बताते हैं कि रेल मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा. इस बाबत एनएचएआईडीसीएल ने अगस्त माह में जोजिला फेस-2 को जल्द शुरू कराने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखा है. गौरतलब है कि निर्माणाधीन जोजिला टनल सिग्नल ट्यूब है. बदले हालात में विशेषज्ञ इसे सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं मान रहे है. उनका मानना है कि किसी भी संकट के समय यात्रियों को निकालने में दिक्कत होगी. ऐसे में सामानांतर नई टनल बनाना जरूरी हो जाता है. इससे श्रीनगर-लेह के बीच सड़क से सालभर संपर्क बना रहेगा. इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर लेह-लद्दाख में सशस्त्र बलों व रसद वाहनों की आवाजाही बर्फबारी के मौसम में भी आसानी से की जा सकेगी. गौरतलब है कि सर्दियों में बर्फबारी से लेह-लद्दाख छह महीने तक श्रीनगर से बिल्कुल कट जाता है.
HIGHLIGHTS
- बर्फबारी में लेह-लद्दाख पूरी तरह कट जाता है श्रीनगर से
- भारतीय सेना तक हथियार, रसद और सैन्य उपकरण पहुंचेंगे
- हरी झंडी मिलते ही जोजिला टनल फेज-2 पर शुरू होगा काम