क्या देश अपने प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को ही भूल गया. उनके परिवार ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उचित सम्मान न दिए जाने पर सवाल उठाए हैं. उचित सम्मान दिलाने के लिए अब उनकी पौत्री और परिवार के लोगों ने सड़क पर उतरने का फैसला लिया है.
देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की पौत्री तारा सिन्हा ने न्यूज़ नेशन से बातचीत में कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति के नाम पर एक राष्ट्रीय दिवस और राष्ट्रीय कार्यक्रम तक नही है. 3 दिसंबर को उनकी जयंती है. हमने इस दिन को हमलोगों ने मेधा दिवस के रूप में मनाने की केंद्र सरकार से मांग की थी. केन्द्र सरकार ने इसके जबाव में कहा कि 2034 में राजेंद्र प्रसाद की 150 वीं जयंती है. इससे पहले सरकार की ओर से कोई कार्यक्रम नहीं है.
परिवार ने कहा यह उनका अपमान
अब राजेंद्र प्रसाद का परिवार इसे अपमान मान रहा है. तारा सिन्हा का कहना है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति की एक बेहतर समाधि तक नहीं है. इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है. न तो कांग्रेस की सरकार में उन्हें सम्मान दिया गया और न ही अब बीजेपी की सरकार में दिया जा रहा है.
संग्रहालय में रखी हैं स्मृतियां
राजेंद्र प्रसाद की स्मृतियां उनके संग्रहालय में हैं जो आज भी उनकी कार्य कुशलता और प्रतिभा का प्रमाण देती हैं. इधर बात बढ़ने पर बीजेपी भी बैकफुट पर आ गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिभा मे कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए. उन्होंने परिवार को उचित ससम्मान दिलाने की भरोसा दिलाया है. अगर परिवार सड़क पर उतरा तो महापुरुषों को सम्मान देने का दावा करने वाली बीजेपी के लिए फजीहत तय मानी जा रही है.
Source : रजनीश सिन्हा