पोत निर्माण इकाई मजगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) ने स्कॉर्पीन श्रेणी की छह पनडुब्बियों में से पहली पनडुब्बी 'कलवरी' गुरुवार को भारतीय नौसेना को सौंप दी।
इस श्रेणी के दूसरे पनडुब्बियों 'खंडेरी' और 'करंज' का परीक्षण भी जारी है।
एमडीएल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी 'कलवरी' को इंडियन नेवी को सौंपे जाने के साथ ही 21 सिंतबर, 2017 को एक इतिहास लिखा गया। जल्द ही यह भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगी।'
किसी पनडुब्बी के सौंपे जाने का मतलब यह है कि इसके परीक्षण खत्म हो चुके हैं और नौसेना ने इसे स्वीकार कर लिया है।
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इन पनडुब्बियों को फ्रांसीसी नौसेना रक्षा और ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस ने डिजाइन किया है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्कॉर्पिन चकमा देने में माहिर है और गाइडेड हथियारों के माध्यम से दुश्मनों पर वार करने में सक्षम है। स्कॉर्पिन पानी के अंदर तथा सतह पर टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल के माध्यम से वार कर सकता है।
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नौसेना के अधिकारी ने बताया कि यह भारतीय नौसेना के पनडुब्बी कार्यक्रम में मील का पत्थर है क्योंकि यह पोत भारत समुद्री शक्ति को काफी मजबूत कर सकता है।
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HIGHLIGHTS
- चकमा देने में माहिर है स्कॉर्पिन श्रेणी के पनडुब्बी, जमीन और पानी के अंदर कर सकता है मार
- फ्रांसीसी नौसेना रक्षा और ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस ने किया डिजाइन
Source : News Nation Bureau