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4 जुलाई को पीएम मोदी का इज़राइल दौरा, किन मुद्दों पर बनेगी बात

पिछले 70 साल में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का इज़राइल का पहला दौरा है। 1950 में इज़राइल को भारत ने मान्यता दी और 1992 में इज़राइल के साथ राजनीतिक संबंध स्थापित हुए लेकिन आज तक किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इज़राइल का दौरा नहीं किया।

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Shivani Bansal
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4 जुलाई को पीएम मोदी का इज़राइल दौरा, किन मुद्दों पर बनेगी बात

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री (फाइल फोटो, क्रेडिट: AIR)

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4 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इज़राइल की यात्रा पर जा रहे हैं। यह बेहद ख़ास इसीलिए हैं क्योंकि पिछले 70 साल में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का इज़राइल का पहला दौरा है। 

1950 में इज़राइल को भारत ने मान्यता दी और 1992 में इज़राइल के साथ राजनीतिक संबंध स्थापित हुए लेकिन आज तक किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इज़राइल का दौरा नहीं किया। दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों के 25 साल पूरे होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इज़राइल जा रहे है।

भारत और इज़राइल के संबंधों पर जमी बर्फ अब धीरे-धीरे पिघलने लगी है। इज़राइल भारत के प्रधानमंत्री के इस दौरे का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है और इज़राइल के प्रधानमंत्री ने मोदी के दौरे से पहले उन्हें 'अपना दोस्त करार' देते हुए देशवासियों को संदेश दिया है, 'दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इज़राइल आ रहे हैं।'

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इज़राइल के साथ भारत के रिश्ते अभी तक एक पर्दे में रहे और कभी खुलकर सामने नहीं आए। तब भी नहीं, जब 1962 के युद्ध में इज़राइल ने भारत को सैन्य सामान देने में काफी मदद की थी। 

तब भी नहीं, जब करगिल युद्ध के दौरान भी इज़राइल ने भारत को सैन्य सामान मुहैया कराने में अहम भूमिका अदा की थी। लेकिन अब दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों के 25 साल पूरे होने के मौके पर भारत-इज़राइल के संबंधों में नई गर्माहट महसूस की जा रही है।

भारत क्या चाहता है इज़राइल से

1- भारत इज़राइल का दसवां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। सिर्फ सैन्य ही नहीं दोनों देशों के बीच आईटी, एग्रीकल्चर जैसे कई क्षेत्रों पर अहम समझौते हो सकते है।

2- दोनों ही देश फ्री ट्रेड की दिशा में काम कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं। कृषि क्षेत्र में भारत, इजरायल से सिंचाई तकनीक भी हासिल करने की कोशिश में है ताकि जल संकट से निपटा जा सके।

3- भारत-इज़राइल के बीच गंगा की सफाई से जुड़ी योजना के लिए समझौता हो सकता है। यह समझौता यूपी सरकार के साथ होना संभव है।

4- हाल ही में दुनिया भर में हुए साइबर अटैक भारत के लिए भी चिंता का विषय है। इस कड़ी में भारत-इज़राइल के बीच उच्च तकनीक के लिए और साइबर सुरक्षा की दिशा में समझौते हो सकते है।

5- यहीं नहीं भारत इज़राइल से जल संसाधन, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, सैन्य सहयोग, स्मार्ट सिटी, और रिसर्च के क्षेत्र में मदद चाहता है।

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इज़राइल को भारत का तोहफा

1- पीएम मोदी के दौरे से पहले ही अप्रैल 2017 में भारत ने इज़राइल की बराक मिसाइलों की खरीद की मंज़ूरी दे दी है। इसमें भारत इज़राइल से 860 करोड़ रुपये के सैन्य हथियार खरीदेगा।

2- इसके अलावा भारत सैन्य सामानों की खरीद में इज़राइल को प्राथमिकता देता है। भारत ने इज़राइल से 8,356 स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) और 321 लॉन्चरों को 52.5 करोड़ डॉलर में खरीदने का भी निर्णय लिया है।

3- यहीं नहीं, भारत इजरायल से 2680 करोड़ रुपए की 10 हेरॉन टीपी यूएवी भी खरीद रहा है।

4- वहीं, पाकिस्तान की सीमा पर बाड़ लगाने से जुड़ी तकनीक के लिए भी भारत इज़राइल से मदद ले रहा है और इस नई तकनीक का आयात कर रहा है।

5- पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' मिशन के तह्त भारत इज़राइली कारोबारियों को भारत में निवेश कर दोनों देशों के बीच व्यवसायिक संबंद्धों को मजबूत करने की कोशिश में है।

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Source : News Nation Bureau

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