पीओके में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक को पाकिस्तान भले ही खारिज कर रहा हो लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने उसकी पोल खोल दी। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों का शव ट्रकों से ले जाया गया था। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अलग-अलग चश्मदीदों से संपर्क किया गया था जिन्होंने भारतीय सेना की कार्रवाई की पुष्टि की है।
वो पांच बातें जो प्रत्यक्षदर्शियों ने बतायाः
1. 'स्थानीय लोगों ने एक चश्मदीद को बताया कि तेज धमाके की आवाज सुनी। उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए बताया कि आवाज शायद 84 mm कार्ल गुस्ताव राइफल की थी। साथ ही बताया कि गोलियों की आवाजें अल हावी पुल के आस-पास से देर रात तक आती रहीं।'
2. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, 'लोग डर की वजह से घटना को देखने घर से बाहर नहीं निकले। इसलिए वे भारतीय जवानों को नहीं देख पाए। अगले दिन उन्हें लश्कर के लोगों ने उन्हें बुलाया और कहा कि उनपर हमला हुआ था।'
3. ग्रामीणों ने आंखों देखी घटना के बारे में बताया, '5 या 6 बॉडी को ट्रक में भरकर ले जाया गया। यह भी मुमकिन है कि बॉडी नीलम नदी के पार मौजूद लश्कर के चल्हाना कैंप ले जाई गई हों।'
4. एक चश्मदीद चल्हाना में लश्कर से जुड़ी एक मस्जिद में भी मौजूद था। उसके मुताबिक, 'एक व्यक्ति ने सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए अपने लोगों की बात कही।'
5. 'लश्कर आतंकियों ने पाकिस्तानी सेना पर बॉर्डर की सुरक्षा नहीं कर पाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि जल्द ही भारत को ऐसा जवाब दिया जाएगा कि वह कभी नहीं भूल पाएगा।'
हर बार की तरह इस बार भी अपनी आतंकी हरकतों में हाथ होने से इंकार करने वाला पाकिस्तान अपने ही बिछाए जालों में फंस चुका है। शतरंजी बिसात पर पयादे के साथ जो चाल पाकिस्तान ने चला उसका जवाब भारतीय सेना ने घोड़े की दिया और सीधे-सीधे दर्शकों की नजरों में राजा चेक प्वाईंट पर घिर गए।
इतना सबकुछ होने के बाद भी आतंक के मुद्दे पर दुनिया की नजरों में घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस बात से इंकार कर रहे हैं कि और अपने देश को लोगों की नजरों में पाक साफ दिखाने के लिए कहा कि भारतीय सेना ने ऐसी किसी भी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया।
Source : News Nation Bureau