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एक क्लिक में जानें सबरीमाला मंदिर को लेकर 2019 में सुर्खियों में रही ये घटनाएं

आज हम आपको साल 2019 में सबरीमाला मंदिर कितनी बार सुर्खियों में आया और इस मंदिर में औरतों की पाबंदी की वजह के इतिहास के बारें में बताने जा रहे हैं.

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Ravindra Singh
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एक क्लिक में जानें सबरीमाला मंदिर को लेकर 2019 में सुर्खियों में रही ये घटनाएं

सबरीमाला मंदिर( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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एक बार फिर केरल का सबरीमाला मंदिर सुर्खियों में है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी महिलाएं भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए लड़ रही है. इस मामले में केरल की रहने वाली फातिमा ने याचिका भी दाखिल की है. फातिमा ने मांग की है कि सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए. आज हम आपको साल 2019 में सबरीमाला मंदिर कितनी बार सुर्खियों में आया और इस मंदिर में औरतों की पाबंदी की वजह के इतिहास के बारें में बताने जा रहे हैं.

सबरीमाला मंदिर का इतिहास
दक्षिण भारत के केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में करोड़ों हिंदुओं की आस्था है. ये मंदिर 18 पहाड़ियों के बीच बसा और पूरे जंगलों से घिरा हुआ है. कहा जाता है कि इस मंदिर का नाम शबरी के नाम पर पड़ा था, जिसका जिक्र रामायण में भी किया किया है. इस मंदिर में भगवान अयप्‍पा की पूजा होती है, उन्‍हें 'हरिहरपुत्र' भी कहा जाता है यानी कि विष्णु और शिव के पुत्र. वहीं बता दें कि यहां दर्शन करने वाले भक्‍तों को दो महीने पहले से ही मांस-मछली का सेवन छोड़ना पड़ता है. मान्‍यता है कि अगर भक्‍त तुलसी या फिर रुद्राक्ष की माला पहनकर और व्रत रखकर यहां पहुंचकर दर्शन करे तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है.

भगवान अयप्पा खुद जलाते है ज्योति
सबरीमाला मंदिर से अनोखा किस्सा प्रचलित है, कहा जाता है कि मकर संक्रांति के मौके पर रात के समय एक ज्योति दिखती है. भक्तों के मुताबिक, इस ज्योति को खुद भगवान अयप्पा जलाते हैं, जिसे देव ज्योति भी कहा जाता है. साथ ही इस मकर ज्योति के नाम से भी जाना जाता है. इस दिव्य ज्योति के दर्शन के लिए दुनियाभर से भक्त अयप्पा के मंदिर में आते हैं.

इसलिए महिलाएं है वर्जित
मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे इसलिए इस मंदिर में 10 से 50 साल तक लड़कियां और महिलाएं प्रवेश नहीं कर सकती है. सबरीमाला मंदिर में वहीं लड़कियां आ सकती है जिनका मासिक धर्म शुरू नहीं हुआ है या फिर वो महिलाएं जो मासिक धर्म से मुक्त हो चुकी हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को सात सदस्यीय पीठ के पास भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट ने हालांकि 28 सितंबर, 2018 को दिए गए निर्णय पर रोक नहीं लगाई है, जिसमें 10 से 50 साल आयुवर्ग के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था.

2 जनवरी 2019
केरल के सबरीमाला मंदिर में बुधवार सुबह 40 वर्षीय दो महिलाओं के प्रवेश के बाद सियासी पारा चढ़ने लगा. दोपहर चढ़ते-चढ़ते बीजेपी महिला मोर्चा ने दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के विरोध में सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया. बीजेपी महिला मोर्चा की 5 कार्यकर्ताएं प्रदर्शन करती हुई सचिवालय के अंदर घुसने की कोशिश कर रही थी. हालांकि पुलिस में उन्हें अंदर घुसने से रोक दिया.

3 जनवरी 2019
केरल की दो महिलाओं द्वारा सबरीमाला मंदिर में दर्शन-पूजन का दावा करने के बाद राज्य में जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन जारी हुआ. बीजेपी महिला मोर्चा ने दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के विरोध में सड़क पर विरोध-प्रदर्शन शुरु कर दिया. पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प हुई. पारंपरिक काले परिधान पहने और सिर ढक कर कनकदुर्गा (44) और बिंदू (42) बुधवार को तड़के तीन बजकर 38 मिनट पर मंदिर पहुंचीं. पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों की आशंका के कारण दोनों महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. इसी दिन विरोध प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की मौत भी हो गई थी. वहीं अगले दिन यानि 4 जनवरी को 266 लोग गिरफ्तार, 334 लोग एहतियातन हिरासत में लिये गये.

14 फरवरी 2019
केरल के सबरीमाला मंदिर का द्वार एक बार फिर खोल दिया गया. मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि मंदिर मलयालम महीना कुंबम के दौरान मासिक पूजा के लिए मंगलवार से पांच दिन (यानी 12 फरवरी से 17 फरवरी) तक खुला. मंदिर में इन पांच दिनों के दौरान 'कालाभाभिषेकम', 'सहस्रकलसम' और ‘लक्षर्चना’ समेत कई विशेष कर्मकांड पूरे किए गए, उन्होंने कहा कि तंत्री (प्रमुख पुजारी) कंडारारू राजीवरु भी पूजा के दौरान मौजूद रहे.

28 मार्च 2019
वहीं सबरीमाला मंदिर हिंसा मामले में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केरल में बीजेपी को झटका लगा जब कोझिकोड लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रकाश बाबू को सबरीमाला हिंसा मामले में 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. रन्नी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए बीजेपी उम्मीदवार ने बेल की मांग की. प्रकाश बाबू के खिलाफ आठ मामले दर्ज है, जिसमें महिला की हत्या का प्रयास भी शामिल था.

12 नवंबर 2019
सबरीमला (Sabarimala) में 17 नवम्बर से शुरू होने वाले दो महीने के तीर्थयात्रा मौसम के दौरान सुरक्षा के लिए भगवान अयप्पा मंदिर के आसपास 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को चरणों में तैनात किया गया. पुलिस की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि मंडला मक्करविल्लाक्कू महोत्सव के दौरान 10017 पुलिसकर्मियों को मंदिर परिसर के आसपास पांच चरणों में तैनात किया गया.

16 नवंबर 2019
सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) मामले को उच्चतम न्यायालय की बड़ी पीठ में भेज दिया है. भगवान अयप्पा मंदिर का कपाट शनिवार को खुल गया है. इसे लेकर पुलिस ने पंबा की 10 महिलाओं को वापस भेज दिया है. ये महिलाएं (10 से 50 वर्ष की उम्र के बीच) आंध्र प्रदेश से मंदिर में पूजा करने के लिए आई थीं.

11 दिसंबर 2019
सबरीमला के भगवान अयप्पा मंदिर के कपाट शनिवार को पहले दिन खुलने के साथ ही मंदिर ने 3.30 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया. इसकी तुलना में पिछले सीजन में मंदिर को 1.28 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था. पिछला सीजन महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को लेकर श्रद्धालुओं के एक धड़े और दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के चलते प्रभावित रहा था.

21 जनवरी 2019
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सबरीमामा से जुड़ी सभी रिव्यू पिटीशन (Sabarimala review petitions) पर सुनवाई के लिए जजों की बेंच निर्धारित कर दी है. सुप्रीम कोर्ट की 7 न्यायाधीशों की एक बड़ी बेंच जनवरी 2020 में सुनवाई करेगी. बता दें कि इससे पहले सबरीमला मंदिर में निहत्थी महिलाओं को प्रवेश से रोके जाने को शोचनीय स्थिति करार देते हुए उच्चतम न्यायालय ने अपने अल्पमत के फैसले में कहा कि 2018 की व्यवस्था पर अमल को लेकर कोई बातचीत नहीं हो सकती है और कोई भी व्यक्ति अथवा अधिकारी इसकी अवज्ञा नहीं कर सकता है.

Source : Ravindra Singh

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