बिहार और असम में बाढ़ ने मचाई तबाही, अब तक 150 लोगों की मौत, करोड़ों लोग प्रभावित

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 12 जिलों के 97 प्रखंडों के 921 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे 55 लाख से ज्यादा की जनसंख्या प्रभावित है. बाढ़ से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं.

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Vineeta Mandal
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बिहार और असम में बाढ़ ने मचाई तबाही, अब तक 150 लोगों की मौत, करोड़ों लोग प्रभावित

बिहार और असम में बाढ़ ने मचाई तबाही

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बिहार के साथ ही पूर्वोत्तर राज्य असम में भी बाढ़ का कहर दिख रहा है, दोनों राज्य में अबतक बाढ़ से 1.15 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं. वहीं बाढ़ और बारिश की वजह से मरने वालों की संख्या 150 तक पहुंच चुकी है.  बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आई है, परंतु बाढ़ का प्रकोप अभी भी बना हुआ है. राज्य के 12 जिलों के अधिकांश क्षेत्रों में घरों और खेतों में बाढ़ का पानी भर गया है, जिसके कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं. इस बीच, बाढ़ से प्रभावित लोगों को शुक्रवार को राहत राशि भेजा जाना शुरू हो गया है. 

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 12 जिलों के 97 प्रखंडों के 921 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे 55 लाख से ज्यादा की जनसंख्या प्रभावित है. बाढ़ से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं. 

एक तरफ कई इलाकों में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ नए स्थानों में बाढ़ का पानी फैल रहा है. पानी कम होने से गावों को जोड़ने वाली सड़के और पुल-पुलिया बह चुके हैं. बिहार जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार में नेपाल से आने वाली कोसी नदी सहित कई नदियों के जलस्तर में शुक्रवार को कमी दर्ज की गई.

जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि नदियों के जलस्तर में कमी आई है, परंतु अभी भी बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा और महानंदा नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं हैं.

जलसंसाधन विभाग द्वारा तटबंधों पर लगातार गश्ती करवाई जा रही है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. राहत और बचाव कार्य जारी हैं.

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उन्होंने बताया कि शुक्रवार से सभी आपदा पीड़ितों के खातों में सहायता राशि प्रदान की जा रही है. जिसके लिए प्रत्येक पीड़ित को छह हजार रुपये की मदद दी जा रही है. उन्होंने कहा कि पहली बार बाढ़ राहत की सहायता राशि राज्य स्तर से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जाएगी.

पैसा देने के पूर्व लाभार्थियों के बैंक खाते की जांच पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस प्रणाली ) से होगी और खाता जांच के बाद राज्य स्तर से ही सीधे उनके बैंक खाते में राशि भेजी जाएगी.

प्रभावित इलाकों में बीमारियों के फैलने की आशंका को देखते हुए क्षेत्र के चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है. जहां पानी कम हुआ है, वहां ब्लीचिंग का छिड़काव हो रहा है.

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 130 राहत शिविरों में 1़13 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. 1,119 सामूदायिक रसोई चलाई जा रही है. अब तक 12 जिलों के 97 प्रखंडों की 921 ग्राम पंचायतों के गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है.

असम (Flood in assam)

असम में बाढ़ में 11 और लोगों की मौत के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है, जबकि राज्य के 33 में से 27 जिलों में 48.87 लाख लोग प्रभावित हैं. शुक्रवार को एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. राज्य में कुल 1.79 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूबी हुई है और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान तथा पबित्रो वन्यजीव अभयारण्य का करीब 90 फीसदी हिस्सा पानी में डूबा है.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि 11 और लोगों की मौत की खबर मिली है, जिनमें बारपेटा और मोरीगांव में 3-3 लोगों की मौत हुई है. प्राधिकरण ने अपने बुलेटिन में कहा कि 3,705 गांवों में 48,87,443 लोग बाढ़ की चपेट में हैं. दिल्लीवासियों को शुक्रवार को उमस भरी सुबह का सामना करना पड़ा जहां न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि शनिवार को हल्की बारिश हो सकती है.

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असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया, '11 मौतों में से पांच धुबरी जिले से और तीन बारपेटा और मोरीगांव में हुए. अपने बुलेटिन में, एएसडीएमए (ASDMA) ने कहा, '3,705 गांवों के 48,87,443 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. शिवसागर और उदलगुरी में, जहां बाढ़ के पानी कम हो गया है, वहां विस्थापित लोग घर लौटे.'

हालांकि, गोलाघाट जिले के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मोरीगांव जिले के पोबितोरा में पानी की निकासी शुरू हो गई थी, वन विभाग के सूत्रों ने कहा, 'गैंडों, हाथियों, भैंसों और हिरण जैसे जानवरों ने जंगलों के भीतर बनाए गए कृत्रिम उच्च मैदानों पर शरण ली है.'

एएसडीएमए के मुताबिक, 'ब्रह्मपुत्र गुवाहाटी, गोलपारा और धुबरी में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है. 1.47 लाख से अधिक विस्थापित लोग अब 755 राहत शिविरों में और प्रशासन द्वारा स्थापित 304 राहत वितरण केंद्रों में हैं. हालांकि, कई लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें नावों में रहने के लिए मजबूर करने वाले शिविरों में पर्याप्त राहत सामग्री या आवास उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं.'

उन्होंने ये भी कहा, 'बाढ़ से 22 लाख बड़े और छोटे जानवर प्रभावित हुए हैं, इसके अलावा 23 लाख पोल्ट्री पक्षी भी प्रभावित है. एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें 27 बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव कार्य में लगी हुई हैं.'

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असम में बाढ़ के हालातों पर बात करते हुए वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा शरमा ने बताया, 'शायद प्रशासन ने बाढ़ की संभावना का अनुमान नहीं लगाया और इसके कारण कुछ शिविरों में राहत सामग्री की कमी हो गई. हालांकि, इन आरोपों की जांच की जाएगी.'

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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