येदियुरप्पा को आज कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करना है जबकि उनके पास महज 104 सीट है। वहीं चुनाव बाद गठबंधन करने से कांग्रेस-जेडीएस+ के पास (78+38) कुल 116 सीट है।
कांग्रेस-जेडीएस ने दावा किया है कि उनके पास दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। यानी उनके पास कुल 118 सीट मौजूद हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर बीजेपी बहुमत साबित कैसे करेगी?
आइए एक नज़र डालते हैं कि उन स्थितियों पर जिस हालात में अल्पमत होने के बावजूद बीजेपी विधानसभा में बहुमत साबित कर सकते हैं।
बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 111 सीट की ज़रूरत है गौरतलब है कि एच डी कुमारस्वामी दो विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं ऐसे में उनका एक वोट ही मान्य होगा। चुनाव 222 सीटों पर हुआ है।
अगर किसी तरह बीजेपी कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को वोटिंग के दौरान सदन में अनुपस्थित रहने या फिर उसके पक्ष में वोट करने को लेकर मना लें तो सरकार बन सकती है।
हालांकि कांग्रेस और जेडीएस अपने सभी विधायकों को व्हीप जारी करेगी और ऐसी स्थिति में अगर कोई विधायक अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर बीजेपी के पक्ष में वोट करता है तो उसकी सदस्यता रद्द होगी लेकिन ऐसी स्थिति में येदियुरप्पा बहुमत हासिल कर लेगें और उनकी सरकार बन जाएगी जो कम से कम अगले 6 महीने तक चलेगी।
फ्लोर टेस्ट के दौरान अगर कांग्रेस और जेडीएस के 14 विधायक अनुपस्थित रहे तो इस हालत में सदन के सदस्यों की कुल संख्या 221 से 207 हो जाएगी और इस आंकड़े पर बीजेपी आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी।
अगर सदन में कुछ ऐसे हालात उत्पन्न हुए जिसके बाद स्पीकर कांग्रेस के 14 विधायकों को सदन से बाहर कर दे तो उस स्थिति में भी बीजेपी बहुमत साबित कर सकती है।
और पढ़ें- बोपैया की नियुक्ति के खिलाफ SC पहुंची कांग्रेस, 10:30 बजे होगी सुनवाई
Source : News Nation Bureau