मोदी सरकार ने चौथे बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए कई बड़ी घोषणाएं की है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के लिए आवंटन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी करते हुए इसे 48 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। पिछले बजट में मोदी सरकार ने मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया था।
ग्रामीण इकनॉमी को बड़ी सहायता देते हुए मोदी सरकार ने कुल ग्रामीण आवंटन को बढ़ाकर 1 लाख 87, 233 करोड़ रुपये कर दिया है। 2016-17 के बजट में मोदी सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए 87,765 करोड़ रुपये का आवंटन किया था।
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इसके साथ ही किसानों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के कृषि कर्ज का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को कर्ज में प्राथमिकता दिए जाने का फैसला लिया है।
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गरीबी दूर करने की दिशा में बड़ी घोषणा करते हुए सरकार ने 2019 तक गांवों में रह रहे एक करोड़ परिवारों को गरीबी रेखा (बीपीएल) से बाहर निकाले जाने का लक्ष्य तय किया है।
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पिछले बजट में सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए 87,765 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायत और नगर निगम के लिए सरकार ने 2.87 लाख करोड़ रुपये की मदद दिए जाने की घोषणा की थी।
HIGHLIGHTS
- बजट 2017-18 में मनरेगा के लिए आवंटन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी करते हुए इसे 48 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है
- पिछले बजट में मोदी सरकार ने मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया था
Source : News Nation Bureau