बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव को चौथे मामले में दो धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा हुई है। रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
दोनों सजा एक साथ चलेगी। ऐसे में उन्हें सात साल ही जेल में रहना होगा। एक सजा आईपीसी के तहत और दूसरी सजा भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम के तहत चलेगी। दोनों धाराओं के तहत उन पर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
मामला दुमका कोषागार से जुड़ा हुआ है। करीब 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में कोर्ट ने सोमवार को लालू यादव को दोषी करार दिया था। हालांकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को इस मामले में बरी कर दिया गया था।
लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा, 'भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम (पीसी) की धाराओं में 7 साल की सजा एक साथ चलेगी। कुल जुर्माना 60 लाख रुपये का लगाया गया है। पहले के मामलों में मिली सजा भी साथ-साथ चलेगी।'
कोर्ट के इस फैसले पर आरजेडी के नेता रघुवंश प्रसाद ने सवाल उठाए थे। उन्होंने लालू यादव को दोषी करार दिए जाने और जगन्नाथ मिश्र को बरी किए जाने को लेकर नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार पर निशाना साधा था।
रघुवंश प्रसाद ने कहा था, 'अजब है नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार का मेल, अजब है खेल दोबारा से हो गया जगन्नाथ मिश्र रिहा और लालू यादव को जेल।'
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Source : News Nation Bureau