Indian Spices: पिछले कुछ दिनों से मसालों के खिलाफ फूड सेफ्टी अथॉरिटी का एक्शन जारी है. इसमें कई कंपनियों के मसालों की जांच की जा रही है. इस बीच दावा किया जा रहा है कि मसालों में 10 गुना ज्यादा पेस्टिसाइड मिलाने की इजाजत दी गई है. अब इस दावे पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने इस दावे को दरकिनार किया है. इसके साथ ही क्या है इस मामले में नियम इसकी जानकारी दी है.
दरअसल शनिवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने दवाई और मसालों में 10 गुना अधिक पेस्टिसाइड मिलाने की इजाजत दी है. इन्हीं कारणों की वजह से इंडिया के दो बड़े मसाले कंपनी एवरेस्ट और एमडीएच पर हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में एक्शन लिया गया. इसके साथ ही भारतीय मसालों के खिलाफ दुनिया के कई देशों में जांच शरू की गई थी. हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर ने इन मसाला ब्रांड के कई प्रोडक्ट पर बैन लगा दिया था. इतना ही नहीं लोगों से अपील की गई थी कि जो भी मसाले आप इन कंपनियों के खरीद चुके हैं उसका उपयोग न करें. इनमें तय सीमा से अधिक पेस्टिसाइड मिला था. अगर इनका उपयोग लंबे समय तक किया जाए तो कैंसर का खतरा हो सकता है.
फूड सेफ्टी का नियम
फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने रविवार 5 मई को अपने बयान में कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो दावा किया जा रहा है वो गलत और भ्रामक है. भारत में पूरी दुनिया में सबसे अधिक कड़े नियम लागू किए हैं. फूड सेफ्टी अथॉरिटी के नियम के अनुसार पेस्टिसाइड का रूल 0.01 प्रति किलो मिलीग्राम मैक्सिमम रेसीड्यू लेवल्स(MRL)लागू है. जिसे मसालों के मामले में 0.1 मिलीग्राम तक किया जा सकता है. हालांकि, ये उन पर लागू होता है जिसका रजिस्ट्रेशन भारत में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति में है.
पहले ही चेतावनी
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि एक्सपर्ट्स पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि इंडियन मसालों का निर्यात मना हो सकता है. इसके ही कहा जा रहा था कि लोग ज्यादा पेस्टिसाइड खाने लगेंगे. हालांकि, पेस्टिसाइड एक्शन नेटवर्क ऑफ इंडिया ने कहा था कि फूड सेफ्टी अथॉरिटी के एक्शन से लोगों का हेल्थ खराब हो सकता है.
Source : News Nation Bureau