भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पड़ोसी देश चीन को करारा जवाब दिया है. चीन ने हाल ही में सीमा से जुड़े राज्यों के नामों में बदलाव किया है. विभिन्न 30 स्थानों के नए नाम जारी किए गए हैं. इसमें अरुणाचल का नाम भी बदला गया है. एस जयशंकर ने सोमवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य था और भविष्य में भी रहने वाला है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि नाम के बदलने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है.
विदेश मंत्री के अनुसार, अगर मैं आपके घर का नाम बदलता हूं, तो क्या ये उनका हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य था, है और भविष्य में भी रहने वाला है. नाम के बदलने से कुछ मिलने वाला नहीं है. आपको बता दें कि विदेश मंत्री गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं, वे भारतीय राज्य पर एक बार फिर अपने दावे पर बीजिंग के कदम पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. इस बार चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने ‘ज़ंगनान’ के भौगोलिक नामों की चौथी सूची को जारी किया है. ये अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम है. चीन दक्षिण तिब्बत के भाग के रूप में इस पर दावा पेश कर रहा है. मंत्रालय की अधिकारिक वेबसाइट पर क्षेत्र के लिए 30 अन्य नामों को पोस्ट किया है.
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23 से 24 भारतीयों को वापस लाने की कोशिश
यूक्रेन से जंग में भारतीयों के रूसी सेना के साथ काम करने के सवाल पर एस.जयशंकर ने कहा कि युद्ध क्षेत्र में दो भारतीयों की मौत के बाद भारत सरकार ने अपने रूसी समकक्ष के आगे इस मुद्दे को “दृढ़ता से” उठाया है. उन्होंने कहा कि 23 से 24 भारतीयों को वापस लाने की कोशिश जारी है. इन्हें गलत तरह से रूसी सेना में नियुक्ति दी गई. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत का रुख बिल्कुल क्लियर है.
यह पूरी तरह से गलत है: विदेश मंत्री
विदेश मंत्री के अनुसार, “यह पूरी तरह से गलत है, एक भारतीय किसी दूसरे देश की सेना के लिए काम करे. अगर कोई मध्यस्थ भारतीयों को नौकरी पर रख रहा है, तो उसे रोकने का जिम्मा रूस का ही है. हम करीब 23 से 24 भारतीयों को वापस लाने का प्रयास करेंगे. ये अभी भी वहां पर मौजूद हैं.
Source : News Nation Bureau