'काली' के पोस्टर विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने किया कहा है कि यह कनाडा के ओटावा में हमारे उच्चायोग इस पर बयान दे चुके हैं. उनके बयान के बाद कार्यक्रम के आयोजकों ने भी अपनी ओर से बयान जारी कर माफी मांग ली है. मुझे लगता है कि अब इसे वहां प्रदर्शित नहीं किया जा रहा है. वहीं इस मामले पर दर्ज हो रहे एफआईआर पर उन्होंने कहा कि यह घरेलू मामला है. इसका विदेश नीति से कोई लेना-देना नहीं है.
Our high commission made statements in Ottawa. Events organisers also released their statements & apologised. I think now it's not being screened there. FIR matter is domestic, it is not related to foreign policy: MEA Spokesperson Arindam Bagchi on film 'Kaali' poster row pic.twitter.com/Gll9HOnVHj
— ANI (@ANI) July 7, 2022
भारतीय उच्चायोग ने कनाडाई अधिकारियों से की भड़काऊ सामग्री को वापस लेने की अपील
इससे पहले ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने इस मामले के सामने आने के बाद बयान जारी कर कहा था कि हम कनाडाई अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों से इस तरह की भड़काऊ सामग्री को वापस लेने का आग्रह करते हैं. उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा में मौजूद हिंदू समुदाय के नेताओं से लघु फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी के अपमानजनक चित्रण को लेकर शिकायतें मिली हैं, जिसका ‘अंडर द टेंट’ प्रोजेक्ट के तहत टोरंटो के आगा खान संग्रहालय में प्रदर्शन किया गया था.
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यह है पूरा मामला
दरअसल, टोरंटो में रहने वाली फिल्मकार लीना मणिमेकलई ने शनिवार को ट्विटर पर अपनी लघु फिल्म ‘काली’ का पोस्टर साझा किया था, जिसमें हिंदू देवी मां काली को धूम्रपान करते और हाथ में एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा थामे हुए दिखाया गया है. इस पोस्टर के सामने आने के बाद मणिमेकलई पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगने लगे थे. उनकी इस हरकत से नाराज लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलई’ (लीना मणिमेकलई को गिरफ्तार करो) हैशटैग ट्रेंड करने लगा था. वहीं, ‘गौ महासभा’ नामक समूह के एक सदस्य ने बताया कि उसने दिल्ली पुलिस में मणिमेकलई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
Source : News Nation Bureau