जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले को लेकर भारतीय विदेश सचिव ने पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को बुलाकर उरी हमले में सीमा पार से आतंकवादियों के होने के सबूत सौंपे और उन्हें बताया कि पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ में मदद कर रहे दो गाइडों को ग्रामीणों ने पकड़ा है जो अब सुरक्षा एजेंसियों के कब्जे में है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के मुताबिक पकड़े गए दोनों ही गाइड यासीन खुर्शीद और फैजल हुसैन अवान पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद के रहने वाले हैं। शुरुआती पूछताछ में उरी हमले में मारे गए एक आतंकी की भी पहचान हुई है जिसका नाम हाफिज अहमद बताया जा रहा है और वो भी पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद का रहने वाला था।
पकड़े गए दोनों आरोपियों से उरी हमले के हैंडलर्स के बारे में भी पता चला है जिससे ये साबित होता है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकियों ने ही उरी हमले को अंजाम दिया था। गौरतलब है कि इससे पहले भी पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को बुलाकर विदेश मंत्रालयन ने उरी हमले में मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बने सामान और दवाईयां का सबूत सौंपा था जिसे पाकिस्तान ने अपर्याप्त बता दिया था।
वहीं दूसरी तरफ यूएन के 71 वें अधिवेशन में सुषमा स्वराज भी कह चुकी हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत के पास बहादुर अली के तौर पर जिंदा सबूत है।
यहां एक बात जानना जरूरी है कि भारत ने साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले और इसी साल पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में भी पाकिस्तान को कई सबूत सौंपे लेकिन पाकिस्तान ने उस पर आजतक कोई कार्रवाई नहीं की है