इन विदेशी यूनिवर्सिटियों ने दी 'हिन्दी' को ग्लोबल पहचान

हिन्दी दिवस पर विदेश की कुछ ऐसी यूनिवर्सिटियां जो हिन्दी में दे रही है शिक्षा

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kunal kaushal
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इन विदेशी यूनिवर्सिटियों ने दी 'हिन्दी' को ग्लोबल पहचान

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हिन्दी ही हमारे देश में एकमात्र ऐसी भाषा है जो दिलों से दिलों को जोड़ने का काम करती है। आप किसी भी राज्य से हों या किसी भी भाषा को बोलने वाले हिन्दी आपको लोगों से जोड़ ही देगी और इस भाषा को समझना और सीखना इतना आसान है।

आप सिर्फ सुनकर इसे सीख सकते हैं। शायद यही वजह है कि हमारे अपने ही देश में नहीं बल्कि विदेशी विद्वानों और विश्वविद्यालयों को भी हिन्दी ने अपनी ओर खींचा है और ना सिर्फ वहां के लोग और टीचर, प्रोफेसर हिन्दी सीख और पढ़ रहे हैं बल्कि विश्व के कई बड़े और मशहूर यूनिवर्सिटियों में भी हिन्दी विभाग बनाया गया है। जहां विदेशी छात्रों को भी हिन्दी सिखायी और पढ़ाई जा रही है।

ये हिन्दी की लोकप्रियता और सीखने की सुगम्यता ही है कि हिन्दी अब सात समंदर पार अमेरिका से लेकर यूरोप होते हुए अफ्रीका तक अपनी जड़े जमा चुकी है। दिन्दी दिवस के मौके पर पर हम आपको बताते हैं विश्व के कुछ मशहूर विश्वविद्यालयों के बारे में जहां छात्रों को हिन्दी सिखाने और पढ़ाने के लिए अलग से विभाग बनाया गया है और कुछ विदेशी विद्वान भी हिन्दी भाषा में इतना रम गए कि इसी को उन्होंने अपना करियर बना लिया।

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी

आपको जानकर हैरानी होगी कि विश्व के नामी विश्वविद्यालयों में से एक कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में हिन्दी पढ़ाई जाती है जिसमें हिन्दी साहित्य के इतिहासकार व्याकरण के विद्वान रोनाल्ड स्टुअर्ट मेक्ग्रेगॉर ने अहम भूमिका निभाई। विदेशी होते हुए भी पहले तो उन्होंने 1959-60 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिन्दी की शिक्षा ली फिर 1964 से 1997 तक वो कैम्ब्रिज में हिन्दी पढ़ाते रहे। हम कह सकते हैं कि सही मायनों में उन्होंने ही पश्चिमी दुनिया में हिंदी की अलख जगाई।

पेइचिंग यूनिवर्सिटी

चीन के बड़े विश्वविद्यालयों में से एक पेइचिंग यूनिवर्सिटी में छात्रों को हिन्दी की शिक्षा कई दशकों से दी जा रही है। चीन में हिन्दी के प्रचार प्रसार में प्रोफेसर च्यांग चिंगख्वेई ने अहम भूमिका निभाई हैं वो लगभग 25 साल से पेइचिंग यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग से जुड़े हुए हैं और वो अब पेइचिंग यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंडियन स्टडीज के अध्यक्ष हैं।

टोक्यो यूनिवर्सिटी

जापान में हिन्दी की अलख जगाने का श्रेय हिन्दी के जापानी शिक्षक अकियो हागा को जाता है। आपको जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि टोक्यो यूनिवर्सिटी में 1909 से हिन्दी पढ़ाई जा रही है। जापान में हिन्दी को लोकप्रिय करने में अकियो हागा ने अहम भूमिका निभाई है। टोक्यो विश्वविद्यालय से ही हिन्दी में एम ए करने के बाद उन्होंने वहीं हिन्दी पढ़ाना शुरू कर दिया। वहां हर साल लगभग 20 जापानी और विदेशी छात्र हिन्दी विषय में दाखिला लेते हैं

 

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के बारे में कौन नहीं जानता लेकिन क्या आपको पता है यहां भी हिन्दी पढ़ाई जाती है। हंगरी के रहने वाले प्रोफेसर इमरै बंघा ऑक्सफोर्ड में छात्रों को हिन्दी सिखाते हैं। इमरै बंधा ने शांतिनिकेतन यूनिवर्सिटी से हिंदी में पीएचडी की पढ़ाई की है और पिछले कई सालों से वो वहां हिन्दी विभाग में अपनी सेवा दे रहे हैं।

अमेरिकी यूनिवर्सिटी

अमेरिका के  येले, न्यू यॉर्क, विनकांसन यूनिवर्सिटी में भी छात्रों को हिंदी पढ़ाई जा रही है। छात्रों की तादाद भी हर साल बढ़ती जा रही है। अमेरिका के इन यूनिवर्सिटियों में  अमेरिकी या भारतीय मूल के अमेरिकी शिक्षक ही हिंदी पढ़ा रहे हैं

पीटर वरान्निकोव

पीटर वरान्निकोव के बारे में आप शायद ही जानते होंगे वो रूसी थे लेकिन उन्होंने जो हिन्दुस्तान और हिन्दी के लिए किया वो आप सोच भी नहीं सकते। वरान्निकोव को तुलसीदास की अमर रचना रामचरितमानस इतना पसंद आया कि उन्होंने इसका रूसी अनुवाद तक कर दिया

निश्चित ही विश्व के बड़े-बड़े और नामी विश्वविद्यालयों में हिन्दी को प्रमुखता से पढ़ाया जाना हमारे देश और हिन्दी भाषा के लिए गर्व की बात है।

Source : कुणाल कौशल

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