मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को पटना होई कोर्ट से जमानत मिल गई है. मुजफ्फरनगर बालिक गृह में यौन शोषण के मामले में घिरी मंजूर वर्मा को आर्म्स एक्ट में जेल जाना पड़ा था. इसी केस की वजह से उन्हें मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ा था. मंजू वर्मा ने 20 नवंबर को कोर्ट में खुद सरेंडर किया था जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट ने शेल्ट होम केस में मंजू वर्मा की गिरफ्तारी का आदेश दिया था लेकिन बिहरा पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. इस वजह से उस वक्त बिहार सरकार की खूब किरकिरी हुई थी और कोर्ट ने भी नीतीश सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे.
इससे पहले बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री रही मंजू वर्मा की जमानत याचिका को बेगूसराय की एक अदालत ने 2 जनवरी को खारिज कर दिया था. वर्मा शस्त्र अधिनियम (आर्म्स एक्ट) मामले में जेल में बंद थीं. बेगूसराय के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित ने वर्मा की जमानत याचिका की सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया था.
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका आवास गृह में लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले की जांच के क्रम में सीबीआई ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के घर पर छापेमारी की थी और मकान के एक कमरे से 50 गोलियां (कारतूस) बरामद की गई थी. मुजफ्फरपुर आवास गृह मामले के प्रकाश में आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. 20 नवम्बर 2018 को आत्मसमर्पण करने के बाद से वर्मा बेगूसराय की जेल में बंद हैं.
इस केस में मुख्य आरोपी मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का संचालक ब्रजेश ठाकुर है और इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश पर अब दिल्ली में हो रही है.
Source : News Nation Bureau