दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने एक्सिस बैंक के पूर्व ब्रांच मैनेजर विनीत गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोटबंदी के दौरान धोखाधड़ी के मामले में विनीत गुप्ता को गिरफ्तार किया था।
हालांकि उन्होंने कहा कि मनी लॉंड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका एक दूसरे कोर्ट के समक्ष भी लंबित है तो जब तक उस पर फ़ैसला नही आ जाता पुलिस उन्हे गिरफ्तार नही कर सकती है।
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इस मामले में ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपनी तरफ से कार्रवाई की थी और बैंक की ब्रांच का सर्वे किया था। बाद में आरोपियों के मकानों की तलाशी भी ली गई थी। ईडी ने बैंक को 11 एकाउंट का ऑपरेशन बंद करने के लिए नोटिफिकेशन दिया और जांच में कुछ ज्वैलर्स, एंट्री ऑपरेटरों और अन्य लोगों पर फोकस किया।
ईडी ने कहा, 'नोटबंदी के बाद कुछ लोगों के पास बड़ी संख्या में पुरानी करेंसी थी, जिसे वे ऊंचे रेट पर भी गोल्ड में खपाने का जुगाड़ ढूँढ रहे थे। ऐसे लोगों से ज्वैलर्स ने संपर्क किया और 45000 से 50000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से एडवांस के तौर पर कैश कलेक्ट किया।
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प्रोफेशनल सीए से लैस मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों ने कई शेल कंपनियों के जरिए बैंकिंग चैनलों को यूज किया। बुलियन डीलर्स को आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर किया गया, जिसके बदले फिजिकल गोल्ड की डिलीवरी दी गई।'
Source : News Nation Bureau