कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सी एस कर्णन बुधवार को जेल से रिहा हो गए। जस्टिस कर्णन कोर्ट की अवमानना में दोषी पाए जाने पर 6 महीने से जेल कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में बंद थे।
पत्नी सरस्वती कर्णन ने कहा कि जस्टिस कर्णन सुबह 11 बजे जेल से रिहा हुए।
सुप्रीम कोर्ट में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मई में जस्टिस कर्णन को गिरफ्तार करने के लिए डीजीपी को एक कमेटी बनाने के आदेश दिए थे।
इस आदेश के बाद सीएस कर्णन को 20 जून को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को अदालत, न्यायिक प्रक्रिया और पूरी न्याय व्यवस्था की अवमानना का दोषी मानते हुए 9 मई को सजा सुनाई थी। इसके बाद कर्णन एक महीने से ज्यादा अंडरग्राउंड रहे थे।
3 जनवरी को पूर्व जस्टिस कर्णन ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 20 जजों की लिस्ट भेजी थी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उनकी जांच की मांग की थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस कर्णन को अवमानना का नोटिस जारी किया था। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पूर्व जस्टिस कर्णन ने न्यायिक व्यवस्था का मजाक बनाया।
कोर्ट के मुताबिक पूर्व जस्टिस कर्णन ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ जो आपत्तिजनक बयान दिया, उससे जुडीशियल सिस्टम का मजाक बना जिससे विदेशी मीडिया में छवि खराब हुई।
सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस सीएस कर्णन के बयानों के मीडिया में प्रकाशन पर भी रोक लगा दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्णन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जस्टिस कर्णन भारत के पहले सेवा में आसीन हाई कोर्ट जज हैं, जिन्हें जेल जाने की सजा मिली।
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HIGHLIGHTS
- सीएस कर्णन को 20 जून को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार किया गया था
- जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 20 जजों पर लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
Source : News Nation Bureau