पूर्व चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने ईवीएम (ईलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) हैकिंग किए जाने के दावों के बीच मंगलवार को कहा कि ईवीएम एक बहुत अच्छी और श्रेष्ठ मशीन है और चुनावों में बैलट पेपर के प्रयोग पर लौटने की बात पर आगाह किया है. सोमवार को लंदन में ईवीएम हैकाथन को लेकर उन्होंने कहा, 'मेरा पूरा विश्वास है कि ईवीएम बहुत अच्छी मशीन है. हमें बैलट पेपर पर कभी वापस नहीं जाना चाहिए.'
चावला ने कहा, 'ईवीएम के बारे में मेरी राय बिल्कुल स्पष्ट है. चुनाव आयोग के ईवीएम का निर्माण दो सरकारी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा काफी रहस्यमयी स्थितियों में किया जाता है. ये मशीनें सन 2000 में बनाई गईं थी और 2006 से लगातार इस्तेमाल हो रही हैं.'
उन्होंने कहा, 'ये सिर्फ ऐसा है कि जो चुनाव जीतते हैं वे ईवीएम के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं जबकि चुनाव हारने वाले ईवीएम पर सवाल खड़ा करते हैं. मैंने चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में कई देशों का दौरा किया है. हमारी (भारत) की चुनाव प्रक्रिया और प्रणाली 100 फीसदी जवाबदेही वाली है.'
कथित साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा के द्वारा ईवीएम हैकिंग के दावों पर चावला ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरीके के मुद्दे को उठाना बहुत बेकार है.
उन्होंने कहा, '2009 आम सभा चुनावों के दौरान मैं संचालन कर्ता था. हमने 100 मशीनों और कैमरे को इंस्टॉल करवाया. ईवीएम हैक करने के लिए लोगों को खुला आमंत्रण दिया गया था, हैकाथन के लिए लोग बुलाए गए थे लेकिन कोई भी यह नहीं कर सका था.'
चुनावों में बैलेट पेपर पर वापस जाने की बातों पर उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी किताब में बहुत पहले इसके बारे में लिखा था कि बूथ कैपचरिंग एक बहुत बड़ी समस्या थी. साथ ही कभी-कभी स्टांप सही तरीके से नहीं दिखते थे जिसके कारण वोट अवैध हो जाता था. ईवीएम ने प्रक्रिया को काफी साफ-सुथरा कर दिया है.'
दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया मामला
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने स्वयंभू साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा के खिलाफ चुनाव आयोग की शिकायत को स्वीकार कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामले में आईपीसी की धारा 505 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कानून के हिसाब के आगे की जांच की जाएगी.
चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को लिखे एक पत्र के माध्यम से शुजा के खिलाफ दर्ज करायी गयी शिकायत में कहा था कि शुजा ने आईपीसी की धारा 505 (1) का कथित तौर पर उल्लंघन किया है. यह धारा जनसामान्य में दहशत पैदा करने वाली अफवाह फैलाने से संबद्ध है.
आयोग ने दिल्ली पुलिस के नयी दिल्ली जिला उपायुक्त को भेजे शिकायती पत्र में कहा कि शुजा ने सोमवार को लंदन के एक कार्यक्रम में जो बयान दिया था उसकी शीघ्र जांच करने की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि शुजा ने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है और 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी.
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वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने भी शुजा के दावों से इंकार करते हुए कहा कि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि न तो वह ईसीआईएल के नियमित कर्मचारी के तौर पर था और न ही वह ईवीएम के डिजाइन और उसकी तैनाती में किसी भी तरीके से जुड़ा हुआ था.
कथित साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा का दावा
लंदन में 'इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (यूरोप)' कार्यक्रम के दौरान शुजा ने दावा किया था कि वे उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2014 के चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम को डिजाइन किया था। उसने कहा था कि उन्हें और उनकी टीम को ईसीआईएल ने इस बात का पता लगाने के लिये निर्देश दिया था कि क्या ईवीएम को हैक किया जा सकता है और इसे कैसे किया जा सकता है. उसने यह भी दावा किया था कि वह ईसीआईएल के साथ 2009-14 तक काम कर चुका है.
उसने दावा किया था 2014 के लोकसभा चुनावों में धांधली हुई थी. कथित साइबर विशेषज्ञ ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मोड्यूलेटर का इस्तेमाल करके ईवीएम को हैक किया था. ये मोड्यूलेटर मिलिट्री ग्रेड फ्रीक्वेंसी को ट्रांसमिट करते हैं.
शुजा ने कहा था कि उनकी टीम के कुछ सदस्यों की हत्या कर दी गई और उनपर भी कथित तौर पर हमला हुआ था, लेकिन वह बच गए. उन्होंने कहा कि वह एक जाने-माने भारतीय पत्रकार से मिले थे और ईवीएम में कथित धांधली के बारे में पूरी कहानी उन्हें बताई थी.
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Source : News Nation Bureau