11 जनवरी 2019 की वो तारीख थी जिस दिन पता चला कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की एंटी हाईजैकिंग टीम में तैनात डीसीपी दविंदर सिंह (Davinder singh) कैसे आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रहा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे से दविंदर सिंह को दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किया था. डीएसपी दविंदर सिंह पर आरोप है कि वो आतंकियों की कश्मीर घाटी छोड़ने में मदद कर रहे थे.
बताया जा रहा था कि ये आतंकवादी दिल्ली में कोई बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले थे. दविंदर सिंह पर आतंकियों के साथ साठ गांठ करने का आरोप है. दविंदर पर आतंकियों को लॉजिस्टिक पहुंचाने और मदद करने का आरोप है. इसी मामले में एनआईए ने दविंदर सिंह को गिरफ्तार किया था.
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दविंदर सिंह के गिरफ्तार से पहले पुलिस ने उनके वकील और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों नवीद बाबा और अल्ताफ को कुलगाम के मीर बाजार से गिरफ्तार किया था. दविंदर सिंह को गिरफ्तार करने के 48 घंटे बाद उन्हें डीएसपी पद से बर्खास्त कर दिया गया था.
दविंदर सिंह पर अफजल गुरू से भी संपर्क में रहने का आरोप लगा था. 2013 में लिखे गए एक पत्र में, संसद में हुए हमले में शामिल अफज़ल गुरु ने बताया था कि कैसे डीएसपी दविंदर सिंह ने उसकी मदद कि. अफज़ल गुरु ने अपनी चिट्ठी में कहा था कि ये डीएसपी सिंह ही थे जिन्होंने उसे और उसके साथी मोहम्मद को दिल्ली में रहने के लिए किराए का घर और कहीं आने जाने के लिए गाड़ी खरीदी थी. लेकिन तब इसकी कोई जांच नहीं हुई थी.
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दविंदर सिंह का मामला प्रकाश में आने के बाद न सिर्फ जम्मू कश्मीर बल्कि दिल्ली तक में हडकंप मच गया था. सोमवार को एनआईए ने दविंदर सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ आंतकी मामले में शामिल होने को लेकर चार्जशीट फाइल कर दिया है.
Source : News Nation Bureau