पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व हरिद्वार से सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट की. इस अवसर पर डॉ निशंक ने राष्ट्रपति को विश्वव्यापी वेद आधारित शिक्षा और विश्व शांति अभियान की जानकारी दी. निशंक ने इस अवसर पर मौसम परिवर्तन के खतरों से निपटने हेतु पर्यावरण के संरक्षण के लिए चलाए जा रहे स्पर्श गंगा और स्पर्श हिमालय अभियान पर भी चर्चा की. इस महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ निशंक ने राष्ट्रीय कवि, पद्मभूषण मैथिलीशरण गुप्त के गांव में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में लेखक गांव स्थापित किए जाने की जानकारी भी राष्ट्रपति को दी. निशंक ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेखक गांव आने का निमन्त्रण भी दिया.
डॉ निशंक ने थानो हिमालय स्थित लेखक गांव की प्रगति से राष्ट्रपति को अवगत कराया. उन्होंने अपनी मातृभाषा के साथ-साथ हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग कर उसके संरक्षण व संवर्धन में योगदान देने के संकल्प को पूरे देश में ले जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया. राष्ट्रपति द्वारा देहरादून में मां, मातृभूमि और मातृभाषा की महत्ता बताने और युवाओं को प्रेरित करने हेतु आभार जताया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति समेत शैक्षिक सुधारों के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की.
डॉ निशंक ने राष्ट्रपति के उत्तराखंड प्रवास के दौरान आई.ए.एस अकादमी और दून विश्वविद्यालय में दिया गए उद्बोधन की चर्चा की और बताया कि राष्ट्रपति के भाषण से अधिकारियों , युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है जिससे उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है.
इस दौरान डॉ निशंक राष्ट्रपति को अपनी पुस्तक शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं पेशावर के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली भेंट की. डॉ निशंक ने राष्ट्रपति को देवभूमि उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार एवं हिमालय के लेखक गांव(थानों, देहरादून) में आने का निमंत्रण भी दिया.
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Source : IANS