कनाडा में सीआरपीएफ के एक सेवानिवृत्त महानिरीक्षक (आईजी) को प्रवेश करने से रोक दिया गया। वहां एयरपोर्ट के अधिकारियों ने उनसे कहा कि वे कथित तौर पर एक ऐसे संगठन में सेवा दी है जो कि 'आतंकवाद' और 'मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन' में शामिल हैं। इस पर भारत ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
जानकारी के मुताबिक टीएस ढिल्लन गत 18 मई को अपनी पत्नी के साथ कनाडा पहुंचे थे। वहां पर उन्हे एयरपोर्ट पर 20 मई को एक फ्लाइट से वापस भेज दिया गया। इस दौरान एयरपोर्ट अधिकारियों ने उनकी पत्नी को गंतव्य तक जाने दिया।
बता दें कि ढिल्लन 2010 में आईजी पद से रिटायर हुए हैं। इस दौरान एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान कनाडा पर तैनात सीमा एजेंसी के अधिकारियों ने उन्हें देश में प्रवेश करने से रोक दिया।
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मामले ने जब तूल पकड़ी तो इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने केंद्रीय पुलिस बल जैसे एक प्रतिष्ठित बल के इस तरह के वर्णन को पूरी तरह अस्वीकार्य बताया। बागले ने कहा, 'मैंने ढिल्लन के बारे में खबरें देखी हैं, हम कनाडा सरकार के समक्ष यह मामला ले गए हैं।'
मामले में कनाडा के उच्चायुक्त का भी बयान सामने आया है उन्होंने कहा, 'सीआरपीएफ बल भारत में कानून व्यवस्था कायम रखने में एक अहम भूमिका निभाता है।' इसके साथ ही उन्होंने ढिल्लन के साथ हुई घटना के प्रति खेद व्यक्त किया है।
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Source : News Nation Bureau