नई शिक्षा नीति बनाने के लिये मानव संसाधन मंत्रालय ने पूर्व वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक 9 सदस्यीय समित गठित की है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने विशेषज्ञों और शिक्षाविदों की एक समिति गठित की है जो देश की शिक्षा नीति में बदलाव लाएंगे।
कस्तूरीरंगन के अलावा अस समिति में पूर्व आईएएस अधिकारी केजे अलफॉन्स कण्मथनम भी हैं। अलफॉन्स ने ही कोट्टयम और अर्नाकुलम जिले को 100 फीसदी साक्षरता दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
मध्य प्रदेश के महू स्थित बाबा साहेब अंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंसेज़ के वाइस चांसलर राम शंकर कुरील को भी इस समिति में शामिल किया गया है। कुरील को कृषि विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में खासा अनुभव है।
इस समिति में एमके श्रीधर, टीवी कट्टिमनी ,डॉ मज़हर शरीफ और कृष्ण मोहन त्रिपाठी को इसका सदस्य मनोनीत किया गया है।
इस समिति में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के गणितज्ञ मंजुल भार्गव और मुंबई के एसएनडीटी यूनिवर्सिटी की पूर्व वाइस चांसलर वसुदा कामत को भी समिति का सदस्य बनाया गया है।
एक अधिकारी ने कहा, 'समिति के गठन में इस बात का ध्यान रखा गया है कि सदस्य शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े तमाम अनुभवों का नई शिक्षा नीति को बनाने में प्रयोग कर सकें। इसके अलावा समिति में देश के सभी क्षेत्रों और तबकों को शामिल किया गया है।'
Source : News Nation Bureau