जब भैंरो सिंह शेखावत की बेटी की शादी में अचानक पहुंच गए अटल बिहारी वाजपेयी

वैवाहिक कार्यक्रम में सियासत से परे जाकर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने अटल बिहारी वाजपेयी की अगवानी की। भैंरो सिंह शेखावत से वह ऐसे गले लगे जैसे दो दोस्तों का मिलन हो।

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vineet kumar1
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जब भैंरो सिंह शेखावत की बेटी की शादी में अचानक पहुंच गए अटल बिहारी वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भैंरो सिंह शेखावत

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और भैरो सिंह के बीच की दोस्ती राजनीति से परे था। उनकी दोस्ती के अध्याय की शुरुआत राजस्थान से ही हुई थी। अटल बिहारी वाजपेयी का राजस्थान से सियासी ही नहीं, बल्कि भावनाओं का रिश्ता भी था। वह पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरो सिंह शेखावत की बेटी की शादी में कन्यादान करने राजस्थान गये थे। इसके बाद ही लोगों ने इस रिश्ते की हकीकत को सियासत से परे जाकर समझा।

सालों पहले 1982 में भैंरो सिंह शेखावत की बेटी के विवाह समारोह में अटल बिहारी वाजपेयी ने शिरकत की थी। विवाह उसी जगह था जहां आज राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का प्रदेश मुख्यालय मौजूद है। इस विवाह में विशेष तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी समेत कई नेता पहुंचा थे।

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वाजपेयी और आडवाणी दोनों ही उस वक्त बीजेपी को खड़ा करने की कोशिशों में जुटे थे, हालांकि वह देश की राजनीति के चमकते सितारे बन चुके थे। वैवाहिक कार्यक्रम में सियासत से परे जाकर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने अटल बिहारी वाजपेयी की अगवानी की। भैंरो सिंह शेखावत से वह ऐसे गले लगे जैसे दो दोस्तों का मिलन हो।

इसके बाद विवाह से जुड़े अहम रस्मों-रिवाजों में उन्होंने शिरकत की। इतना ही नहीं उन्होंने उस वक्त के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं परसराम मदरेणा, पूनमचंद बिश्नोई के साथ घंटो बिताये।

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अटल बिहारी वाजपेयी के राजस्थान से बीजेपी के कई नेताओं के गहरे संबंध रहे हैं। वह अक्सर पार्टी की बैठकों में जयपुर आते रहे कई बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामदास अग्रवाल के परकोटे स्थित आवास पर रुकते थे। पूर्व सांसद रामदास अग्रवाल को उनके साथ बिताए प्रत्येक पल का स्मरण है।

अटल, आडवाणी और भैंरो सिंह के संयुक्त दुर्लभ चित्रों से सुसज्जित पहला फोटो राजस्थान में ही खींचा गया था। इस फोटो ने देश की और भाजपा की राजनीति को नवीन दिशा दी।

Source : News Nation Bureau

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