भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की आज 74वीं जयंती है। 21 मई 1991 की रात 10 बजकर 21 मिनट पर तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। करीब 30 साल की एक महिला हाथों में माला लेकर राजीव गांधी की तरफ बढ़ी। जैसे ही वह पैर छूने के लिए झुकी, एक तेज धमाका हुआ। थोड़ी देर तक वहां मौजूद लोगों के कान सन्न रह गए थे और जब धुआं छटा तो वहां का दृश्य देख उनके होश उड़ गए थे।
इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव रहे पीसी एलेक्जेंडर ने किताब 'माई डेज विद इंदिरा गांधी' में लिखा है कि इंदिरा गांधी की हत्या के कुछ घंटों बाद उन्होंने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट के गलियारे में सोनिया और राजीव को लड़ते हुए देखा था।
राजीव ने सोनिया को बताया कि पार्टी चाहती है कि वह प्रधानमंत्री पद की शपथ लें। सोनिया ने ऐसा करने से मना किया। उन्होंने कहा कि वो तुम्हें मार डालेंगे। इस पर राजीव का जवाब था, 'मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। मैं वैसे भी मारा जाऊंगा।' ठीक 7 साल बाद यह बात सच साबित हुई थी।
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Source : News Nation Bureau