देश-दुनिया की नाम कंपनी रैनबैक्सी (Ranbaxy) के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह के गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही उसके बड़े भाई मलविंदर सिंह को भी पुलिस ने पकड़ लिया है. मलविंदर सिंह के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया गया था. मलविंदर सिंह (Malvinder Singh) की गिरफ्तारी पंजाब के लुधियाना से हुई है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की आर्थिक इकाई ने की है. रेलीगेयर फिनवेस्ट की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है. शिविंदर सिंह पर 740 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप है.
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दिसंबर 2018 में रेलिगेयर एंटरप्राइज लिमिटेड की सब्सिडियरी रेलिगेयर फिनवेस्ट (RFL) ने दिल्ली पुलिस के इकोनॉमिक ऑफेंस विंग में एक आपराधिक मामला दर्ज कराया था. बता दें कंपनी ने अपने प्रमोटर्स मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इतना ही नहीं इस आपराधिक मामले में रेलिगेयर के पूर्व CMD सुनील गोधवानी सहित कई दूसरे डायरेक्टरों के भी शामिल होने का आरोप है. इन लोगों पर कंपनी ने चीटिंग, फ्रॉड और फंड के गबन करने का आरोप लगाया था. लाइवमिंट के मुताबिक, प्रमोटर्स और दूसरे अधिकारियों ने मिलकर 740 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया है.
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मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, REL ने बताया है कि प्रमोटर्स के खिलाफ यह शिकायत चीटिंग, धोखा देने, फ्रॉड करने, फर्जीवाड़ा और अपराधिक षड्यंत्र रचने के खिलाफ दर्ज कराई गई थी. REL की रिलीज के मुताबिक, कंपनी का नया बोर्ड और मैनेजमेंट आने के बाद अंदरूनी जांच हुई, जिसके बाद यह शिकायत दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2018 तक REL पर सिंह ब्रदर्स का मालिकाना हक था. फरवरी 2018 में वो REL के बोर्ड से निकल गए. इसके बाद REL और RFL के बोर्ड का गठन दोबारा किया गया.