कानपुर में 2-3 जुलाई की मध्य रात्रि को हुए पुलिस टीम के हमले में विकास दुबे अब भी गिरफ्तार नहीं हुआ है. लेकिन चौबेपुर थाने के पूर्व एसएचओ विनय तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके साथ ही बीट प्रभारी केके शर्मा भी गिरफ्तार किए गए. यूपी एसटीएफ ने अभी तक विनय तिवारी को हिरासत में ले रखा था.
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चौबेपुर थानांतर्गत ही बिकरू गांव आता है. गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के इंस्पेक्टर विनय तिवारी तता अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे. शुरुआती जांच में यह सही पाया गया. जांच में पता चला है कि थाने में तैनात कई उपनिरीक्षक, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल हिस्ट्रीशीटर दुबे की मुखबिरी कर रहे थे.
पूरा थाना हुआ लाइन हाजिर
मंगलवार को थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था. उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी.
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विकास से थे घनिष्ठ संबंध
विनय तिवारी पर यह भी आरोप है कि चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी के विकास से घनिष्ठ संबंध थे. आरोप है कि होली में बिकरू गांव के ही राहुल तिवारी को विकास और उसके साथियों ने जान से मारने का प्रयास किया. इसके बावजूद विनय ने FIR नहीं दर्ज की. राहुल ने सीओ देवेंद्र मिश्रा से गुहार लगाई तो उनके हस्तक्षेप के बाद केस दर्ज किया गया.
Source : News Nation Bureau