1 मई को देशभर में मजदूर दिवस मनाया जाता है. साथ ही 1 मई का ये दिन मुंबई और गुजरात के लिए भी खास होता है. इस दिन गुजरात और महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है. 1 मई को ही गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों की स्थापना हुई थी. दोनों राज्यों की स्थापना हुए 64 साल हो गए हैं. आजादी के बाद से ही पहले दोनों राज्य बॉम्बे प्रदेश के हिस्सा थे. इसलिए इस दिन को महाराष्ट्र के लिए महाराष्ट्र दिवस और गुजरात के लिए गुजरात दिवस के रूप में मनाया जाता है.
ऐसे पड़ी दोनों राज्यों की नींव
इसकी स्थापना के इतिहास पर नजर डालें तो इसकी शुरुआत राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत हुई. इस अधिनियम के तहत कन्नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्य की नींव रखी गई, तेलुगु भाषी लोगों के लिए आंध्र प्रदेश का निर्माण किया गया जबकि तमिल लोगों को तमिलनाडु राज्य मिला. इसके बाद से महाराष्ट्र और गुजरात में दो राज्य बनाने की मांग भी तेज हो गई. इसके लिए दोनों राज्यों में कई आंदोलन भी हुए. साल 1960 में अलग गुजरात की मांग को लेकर गुजरात आंदोलन हुआ था. दूसरी ओर, मुंबई में महाराष्ट्र समिति का गठन कर नये राज्य महाराष्ट्र की मांग उठने लगी.
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बॉम्बे प्रदेश को लेकर चली खींचतान
बॉम्बे प्रदेश को लेकर मामला दोनों राज्यों के बीच फंस गया. गुजरात का कहना था कि बॉम्बे उसके हिस्से में आना चाहिए क्योंकि गुजरात ने बॉम्बे का विकास किया जबकि महाराष्ट्र के लोगों का कहना था कि बॉम्बे राज्य में मराठी भाषी लोगों की संख्या सबसे ज़्यादा है इसलिए बॉम्बे हमारे हिस्से में आना चाहिए.
हालांकि बॉम्बे प्रदेश महाराष्ट्र का राजधानी बना. इसके बाद से ही दोनों राज्य 1 मई को अपने राज्य का स्थापना दिवस मनाती है. परेड का आयोजन मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में किया जाता है. राज्य के मुख्यमंत्री मराठा चौक पर जाकर उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं. जिन्होंने महाराष्ट्र की स्थापना के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया. इसी प्रकार गुजरात में भी विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
Source : News Nation Bureau