चीन (China) की धोखेबाजी का लंबा इतिहास देखते हुए भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर किसी तरह की ढील देने के पक्ष में नहीं है. यही वजह है कि सीमा पर जारी तनाव के चलते पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में तैनात सेना की चार डिवीजन को अभी वापस नहीं बुलाया जाएगा. इनकी तैनाती लद्दाख में एलएसी के अग्रिम मोर्चों पर जारी रहेगी. इन चार डिवीजनों में करीब 32 हजार जवान हैं. बताते हैं कि क्षेत्र में पहले से तैनात जवानों (Indian Army) के अलावा ये डिवीजन हाल में वहां भेजी गई थी.
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चीन पर भरोसा करने को तैयार नहीं सेना
सूत्रों ने कहा कि सेना की इन डिवीजनों की फिलवक्त भी तैनाती के कई कारण हैं. सबसे पहला तो यही है कि एलएसी पर हिंसक झड़प वाले कई क्षेत्रों से चीनी सेनाएं महज कुछ पीछे हटी हैं. कई स्थानों पर अभी भी वे मौजूद हैं. दूसरे, चीनी सेनाएं एलएसी के निकटवर्ती इलाकों (चीन की तरफ) मौजूद हैं जिनकी संख्या 20 हजार से अधिक होने का अनुमान है. तीसरे, जिस प्रकार मई से लेकर अब तक चीन का पूरा रवैया इस मामले में सामने आया है यानी बार-बार वह पीछे हटने पर सहमति होता है लेकिन बाद में मुकर जाता है. उसके मद्देनजर केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय सेना चीन पर भरोसा करने को कतई तैयार नहीं है. इन्हीं सब कारणों से सेना अपनी तैयारियों में कोई चूक नहीं बरतना चाहती है.
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नजदीकी वायुसेना के अड्डे हाई अलर्ट पर
सूत्रों ने कहा कि मौजूदा तैनाती चीन की ओर से पेश की जाने वाली किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त है. यह तैनाती अभी जारी रहेगी. सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा सेना पूरी सर्दियों के लिए तैयार है. ज्यादातर तैयारियां पूरी भी हो चुकी हैं. इसके अलावा एलएसी के नजदीक के इलाकों में आने वाले वायुसेना के सभी स्टेशनों पर भी तैनाती जारी रहेगी. चीन सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों में करीब 10-12 वायुसेना अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा गया है तथा अतिरिक्त लड़ाकू विमानों की तैनाती की गई है.
HIGHLIGHTS
- एक कदम पीछे दो कदम आगे की चीनी नीति पर भारतीय सेना सतर्क.
- पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चे पर डटे हैं सेना के 32 हजार जवान.
- साथ ही सीमा के पास के वायुसेना के अड्डे भी हाई अलर्ट पर.
Source : News Nation Bureau