राफेल डील पर विपक्ष भले ही सरकार को घेर रही हो लेकिन इस बीच फ्रांस ने भारत को 36 और लड़ाकू विमान बेचने की इच्छा जताई है।
हालांकि भारत सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत के दौरे पर हैं, उन्होंने पीएम मोदी के साथ 14 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। फ्रांस ने भारत को यह ऑफर एक खत के जरिए दिया है।
फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लॉरेंस पार्ली ने भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर यह ऑफर दिया है।
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माना जा रहा है कि पहली डील के तहत 36 विमानों की आपूर्ति के बाद ही नए ऑफर पर विचार किया जा सकता है। इन 36 विमानों को भारत के हसीमारा (पश्चिम बंगाल) और अंबाला एयरबेस में 2019 से 2022 के बीच जगह मिलनी शुरू हो जाएगी।
गौरतलब है कि फ्रांस ने भारत को ऐसे समय में और अधिक राफेल विमान बेचने की इच्छा जताई है, जब देश के भीतर विपक्षी दल इसे लेकर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं।
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि राफेल डील में पारदर्शिता नहीं बरती गई है। पार्टी का कहना है कि भारत को कतर और मिस्र से महंगे विमान बेचे गए हैं।
विपक्ष का आरोप है कि इस विमान डील में भारत को 12,362 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।
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Source : News Nation Bureau