गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के दौर पर एक कार्यक्रम में शामिल हुईं स्वतंत्रता सेनानी का दर्द छलक पड़ा. मीडिया से बातचीत के दौरान स्वतंत्रता सेनानी महेश नाथ मिश्रा की बेटी राजेश्वरी की आंखें भर आईं. पिछले 40 सालों से शाहजहांपुर जिले के ध्वजारोहण कार्यक्रम में हिस्सा लेती आ रहीं राजेश्वरी मिश्रा ने सरकार से मदद की गुहार लगाई. शाहजहांपुर में गणतंत्र दिवस के अवसर के दौरान राजेश्वरी शुक्ला ने कहा कि उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. अपना दर्द बताते हुए बुजुर्ग राजेश्वरी की आंखों से आंसू छलक गए. उन्होंने कहा, 'जिन्होंने अपनी शहीदी, अपनी कुर्बानी दी और उनकी बेटी आज ठोकरें खा रही है.'
उन्होंने कहा, 'मुझे मेरे पिता की पेंशन मिलनी चाहिए. मेरा अधिकार है लेकिन मुझे नहीं मिल रही. अंग्रेजों ने मेरे पिता के हाथ काट दिए थे. मुझे ठोकरें खाने पड़ रही है. फुटपाथ पर रही. देखिये जिसमें मेैं रहती हूं.'
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान जिला मजिस्ट्रेट अमृत त्रिपाठी ने कहा, 'मुझे पता चला कि महिला को काफी सालों से सरकार से मदद नहीं मिल रही है.' उन्होंने आश्वासन दिया कि बुजुर्ग महिला की हर संभव मदद की जाएगी.
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स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना
स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना केंद्रीय राजस्व विभाग द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को पेंशन देने के लिए शुरू की गई योजना है. भारत सरकार ने इस स्कीम को शुरू किया था. यह स्कीम 15 अगस्त 1972 को लागू की गई जिसके अंतर्गत जीवित, मृत और शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को रहने के लिए पेंशन प्रदान की जाती है.
Source : News Nation Bureau