फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर रॉबर्ट बैपटिस्ट ने दावा किया है कि सरकारी गैस कंपनी इण्डेन की लापरवाही की वजह से 67 लाख ग्राहकों का डाटा लीक हो गया है. रिसर्चर का दावा है कि डीलर्स और डिस्ट्रिब्यूटर्स के लिए इंडेन की वेबसाइट्स है जहां से यह डेटा लीक हुई है. मंगलवार को सामने आया कि लोकल डीलर्स के पोर्टल पर सत्यापन नहीं होने की वजह से इण्डेन के ग्राहकों के नाम, पते और आधार नंबर लीक हो रहे हैं. रॉबर्ट पहले भी आधार से जुड़े लीक का खुलासा कर चुके हैं.
सिक्योरिटी रिसर्चर ने यह भी दावा किया है कि कस्टम टूल के जरिए 11 हजार इंडेन डीलर्स का कस्टमर डेटा कलेक्ट किया है. इस डेटा में ग्राहक का नाम, पता और आधार नंबर शामिल है. इनमें से 9,490 डीलर से जुड़े 58 लाख 26 हजार 116 ग्राहकों के डेटा अगले 1-2 दिन में ही एक्सेस हो गए. हालांकि बाद में इण्डेन ने आईपी एड्रेस ब्लॉक कर दिया था.
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हालांकि इस वेबसाइट में अंदर जाने के लिए यूजरनेम और पासवर्ड की जरूरत होती है, लेकिन इस वेबसाइट का एक पार्ट गूगल में इंडेक्स्ड है. इससे कोई भी लॉगइन पेज को बाइपास करके डीलेट के डेटाबेस में आसानी से जा सकता है. मतलब इण्डेन की लापरवाही की वजह से ग्राहकों का डेटा बिल्कुल सुरक्षित नहीं है.
रिसर्चर के मुताबिक उन्हें एक ट्विटर फॉलोअर ने इस बाबत बताया. जिसके बाद उन्होंने इसकी जांच की. 15 फरवरी को उन्होंने इस बारे में इंडेन को बताया, लेकिन इंडेन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
बता दें कि 90 प्रतिशत भारतीय के पास आधार है और भारत में इण्डेन के 90 लाख से ज्यादा ग्राहक है. पहले से आधार को लेकर छिड़ी बहस इस खुलासे के बाद डिबेट को हवा दे सकती है.
Source : News Nation Bureau