बीजेपी ने एक बार फिर नेशनल हेराल्ड (National herald) अखबार मामले को लेकर कांग्रेस पर हमला किया है. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बताना चाहिए कि विकास का वह कौन-सा मॉडल है, जो 50 लाख रुपये लगाने पर ही 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का मालिक बना देता है.
उन्होंने कहा कि अभी तक तो हमें वाड्रा का विकास मॉडल ही पता था. रविशंकर प्रसाद ने बीजेपी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमें लगता था कि हमारी सरकार को लगभग साढ़े पांच साल हो गए हैं, तो एक परिवार की दास्तान आनी अब शायद कम होगी. लेकिन अभी भी परिवार की कहानी सामने आ रही है. परिवार और व्यापार साथ चलते हैं और ऊपर उसमें राजनीति का कलेवर दे दिया जाता है.'
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रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था, जो 2008 में बंद हो गया था. लेकिन कांग्रेस और परिवार की उसपर बहुत कृपा रही. अनेक शहरों में उसके नाम जमीन थी. कांग्रेस पार्टी ने हेराल्ड चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को 90 करोड़ रुपये दिए थे. अंदरखाने से तथ्यों को छुपाकर एक बड़ी संपत्ति को अपने हक में करने का यह एक उपकरण था.
उन्होंने कहा, 'फिर यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे रहे. फिर एजेएल की देनदारी को यंग इंडिया कंपनी को ट्रांसफर कर दी. इसके बाद मात्र 50 लाख रुपये में एजेएल की 76 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी कांग्रेस नेताओं के पास आ गई.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'आपने 2010 में जिस समय चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अप्लाई किया, तो उस समय आपने यह नहीं बताया कि आपके पास दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति, मात्र 50 लाख रुपये में आ गई है.'
उन्होंने कहा, 'जब कोई इनकम टैक्स से छूट के लिए अप्लाई करता है तो उसे सभी जानकारियां बतानी होती हैं. दिल्ली में नेशनल हेराल्ड का जो भवन था, जांच में वहां कोई अखबार छपता ही नहीं मिला, बल्कि लाखों-करोड़ों के किराये पर उठा दिया गया था. जिसके कारण आवंटन निरस्त करने की भी कार्रवाई हुई.
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उल्लेखनीय है कि इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल की ओर से सोनिया, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं की यंग इंडियन कंपनी को गैर लाभकारी संस्था बताने के दावे को खारिज किए जाने के बाद 100 करोड़ रुपये टैक्स का नोटिस फिर चर्चा में है. इसे लेकर रविशंकर ने कांग्रेस से ये सारे सवाल किए और कहा कि कांग्रेस का भ्रष्टाचार अब सिद्ध हो चुका है.
ट्रिब्यूनल के रुख के बाद गांधी परिवार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये टैक्स का मामला फिर से खुल सकता है. जनवरी में आयकर विभाग ने सोनिया और राहुल को नोटिस भेजकर वर्ष 2011-12 के मामले में 100 करोड़ रुपये टैक्स चुकाने के लिए कहा था. क्योंकि उन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न में 300 करोड़ रुपये के इनकम की घोषणा नहीं की थी.