कांग्रेस (Congress) में असंतुष्टों का समूह जी-23 (G-23) राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के साथ 2024 के आम चुनावों के रोडमैप के रूप में दिए गए प्रस्तावों पर चल रही चर्चा से नाराज नजर आ रहा है, क्योंकि इस समूह से सलाह नहीं ली गई. गौरतलब है कि कांग्रेस के दो मुख्यमंत्री राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल को प्रस्तावों पर चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया गया था. प्रस्तावों पर औपचारिक विचार-विमर्श के दौरान कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे, लेकिन जी-23 नेताओं को परामर्श के लिए नहीं बुलाया गया, जिसमें कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) भी शामिल हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस के चितन शिविर से पहले असंतुष्ट धड़ा कोई धमाका कर सकता है.
सोनिया गांधी को करना है अंतिम फैसला
हालांकि जी-23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक वीरप्पा मोइली ने कहा है कि किशोर को शामिल करना एक स्वागत योग्य कदम है. इस बीच गहलोत ने यह संकेत देते हुए कि पार्टी राजनीतिक रणनीतिकार को अपने पाले में शामिल करने की इच्छुक है, कहा कि 'किशोर अब एक ब्रांड हैं'. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के अनुसार पार्टी 48 घंटे के भीतर प्रस्तावों और किशोर को कांग्रेस में शामिल करने के बारे में फैसला करेगी. हालांकि किशोर को लेकर अंतिम फैसला सोनिया गांधी को ही करना है.
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कई नेताओं में चल रहा है विचार विमर्श
कांग्रेस अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां इस साल के अंत में चुनाव होना है, क्योंकि इन दो राज्यों के चुनावों में सफलता 2024 के आम चुनावों के लिए महत्वपूर्ण होगी. लोकसभा चुनाव से पहले कुल मिलाकर छह राज्यों में बड़े चुनाव हैं. किशोर के साथ शनिवार से हुई तीन दौर की बैठकों में सोनिया गांधी, अंबिका सोनी, ए.के. एंटनी, जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला सहित अन्य मौजूद थे.
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पीके के प्रेजेंटेशन में लोकसभा चुनाव का रोड मैप
वेणुगोपाल ने कहा, 'प्रशांत किशोर ने 2024 के चुनावों के लिए एक विस्तृत प्रस्तुति दी है और कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे देखने और एक सप्ताह के भीतर उन्हें रिपोर्ट करने के लिए एक छोटा समूह नियुक्त किया है. उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.' सूत्रों के मुताबिक, किशोर ने शनिवार की बैठक के दौरान कहा है कि कांग्रेस को 370 से 400 सीटों का लक्ष्य बनाना चाहिए और पार्टी जहां भी कमजोर हो, वहां गठबंधन पर काम करना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- प्रशांत किशोर को लेकर कांग्रेस का एक धड़ा है बेहद असंतुष्ट
- अपनी अनदेखी से नाराज जी-23 के नेता कर सकते है धमाका
- सोनिया गांधी को करना है प्रशांत किशोर को लेकर अंतिम फैसला