बाली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सिंगापुर और इटली के अपने समकक्षों से मुलाकात की और उन्हें भारत आने के लिए आमंत्रित किया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, सिंगापुर के ली सिएन लूंग के साथ बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने देशों के बीच विशेष रूप से फिनटेक, नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास, स्वास्थ्य और दवा क्षेत्रों में व्यापार और निवेश संबंधों को और विस्तारित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. मोदी ने पिछले साल रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री ली के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया.
पीएमओ के बयान में कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के उद्घाटन सत्र समेत भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया. मोदी ने सिंगापुर को ग्रीन इकोनॉमी, बुनियादी ढांचे और डिजिटलीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने और भारत की राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन, संपत्ति मुद्रीकरण योजना और गति शक्ति योजना का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति में सिंगापुर की भूमिका और 2021-2024 तक आसियान-भारत संबंधों के देश समन्वयक के रूप में इसकी भूमिका की सराहना की. दोनों नेताओं ने भारत-आसियान बहुआयामी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की अपनी इच्छा को दोहराया. प्रधानमंत्री ने ली को भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं भी दीं और उन्हें अगले साल जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया.
इस बीच, मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात के दौरान उन्हें देश की पहली प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी. पीएमओ के बयान में कहा गया है, दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, आतंकवाद का मुकाबला सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की. उन्होंने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
पीएमओ ने बयान में कहा, मोदी भारत-इटली राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने और जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अगले साल भारत में प्रधानमंत्री मेलोनी का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं.
Source : IANS