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G20 शिखर सम्मेलन में क्यों नहीं आ रहे पुतिन और जिनपिंग? विदेश मंत्री ने दिया जवाब

G20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण कार्डों पर 'इंडिया' नहीं बल्कि 'भारत' का उल्लेख किए जाने को लेकर चल रहे विवाद पर ANI से बातचीत में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि  'इंडिया दैट इज भारत' और यह संविधान में है

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Mohit Sharma
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G-20( Photo Credit : News Nation)

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G-20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति के शामिल नहीं होने पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि G20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने कुछ कारणवश न आने का फैसला किया है. लेकिन उस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होता है, वह अपने देश और उसकी स्थिति को सामने रखता है. मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है. 

G-20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार द्वारा किए गए इंतजाम की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेषाधिकार था. वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई जहां देश का प्रभाव संभवतः विज्ञान भवन में या उसके 2 किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो. यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है. प्रधानमंत्री ने महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है, जिसमें G-20 ऐसी चीज है जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए... जिन लोगों को लगता है कि हमें अभी भी 1983 में फंसे रहना चाहिए उनका 1983 में फंसे रहने का स्वागत है. 

G-20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति के शामिल नहीं होने पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि G20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने कुछ कारणवश न आने का फैसला किया है. लेकिन उस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होता है, वह अपने देश और उसकी स्थिति को सामने रखता है. मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है. रूस के विदेश मंत्री ने कहा है कि वे चाहते हैं कि यूक्रेन संकट पर उनके विचार को G20 के भाषण में शामिल किया जाए और क्या शिखर सम्मेलन से पहले शक्ति प्रदर्शन शुरू हो गया है? इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि आप इसे ऐसे चित्रित कर सकती हैं लेकिन मेरे लिए कोई भी अपनी राष्ट्रीय स्थिति को सामने रखने की कोशिश करेगा. यदि आप चाहें तो अपनी बातचीत की स्थिति को अधिकतम करने की कोशिश करेंगे. मुझे लगता है कि आपको इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि बातचीत में वास्तव में क्या होता है और इसे पहले से ही इस आधार पर नहीं आंकना चाहिए कि एक अवसर पर क्या कहा जा सकता है और एक अवसर पर जो कहा गया था उसकी मीडिया व्याख्या क्या हो सकती है: 

G20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण कार्डों पर 'इंडिया' नहीं बल्कि 'भारत' का उल्लेख किए जाने को लेकर चल रहे विवाद पर ANI से बातचीत में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि  'इंडिया दैट इज भारत' और यह संविधान में है. मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा. जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है. 

Source : News Nation Bureau

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