G20 Summit 2023: भारत की अध्यक्षता में राजधानी में शनिवार को हुए जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) को अब तक का सबसे सफल समिट माना गया है. इस दौरान जी-20 नेताओं ने कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा की और इसका हल निकालने का प्रयास किया. इसमें सबसे बड़ा निर्णय मिडिल ईस्ट यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर का लॉन्च होना है. इसके साथ अफ्रीकी यूनियन की जी-20 में एंट्री है. बैठक में शामिल सभी देशों ने नई दिल्ली घोषणापत्र (New Delhi Declaration) को अपनाया है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस बात की जानकारी को सामने भी रखा. आइए जानने की कोशिश करते हैं इस शिखर सम्मेलन की पांच बड़ी उपलब्धियां.
नई दिल्ली घोषणापत्र पर बनी सहमति
G-20 सदस्य देशों के बीच सबकी सहमति से 'नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन' (नई दिल्ली घोषणापत्र) को अपनाया गया है. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत रंग लाई है. आपके सहयोग की वजह से नई दिल्ली जी-20 लीडर्स शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बन चुकी है. आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन के मुद्दे के साथ इस घोषणा-पत्र को मंजूरी मिलने में समस्या आ रही थी.
ये भी पढ़ें: G20 Summit: अध्यक्ष के रूप में भारत ने पहली बार ग्लोबल साउथ की स्थिति मजबूत की: रूसी विदेश मंत्री
इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर
G-20 Summit के पहले दिन इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर को लॉन्च किया गया. इसका सबसे बड़ा लाभ देश को होने वाला है. इस इन्फ्रा डील से शिपिंग समय और लागत में कमी आएगी. इससे व्यापार सस्ता होगा. इसे चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना के विकल्प के रूप में पेश किया गया है. इस कॉरिडोर का लक्ष्य संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, जॉर्डन और इजराइल से होते हुए भारत से यूरोप तक रेलवे मार्ग और जल मार्ग को एकीकृत करना का प्रयास है. रेल लिंक होन के कारण भारत और यूरोप के बीच व्यापार में करीबन 40 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिलेगी. भारत के इस प्रस्ताव पर सभी सदस्य देशों की रजामंदी मिली है. चीन के लिए ये किसी बड़े झटके की तरह है. इस ऐलान से चीन के प्रोजेक्ट बीआरआई काे जवाब मिला है.
ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस
भारत के एक और प्रस्ताव पर मुहर लग गई. ये है ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस. इसका लक्ष्य टिकाऊ बायोफ्यूल का उपयोग करना है. बायोफ्यूल पेड़-पौधों, अनाज, शैवाल, भूसी और फूड वेस्ट से बनने वाला ईंधन है. इसे कई तरह के बायोमास से निकाला जाता है. इससे कार्बन उत्सर्जन कम है. इससे दुनिया की पारंपरिक ईंधन पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी. पर्यावरण में प्रदूषण कम होगा. पीएम ने विदेशी नेताओं से ग्रीन क्रेडिट पहल पर काम आरंभ करने का आग्रह किया है.
अफ्रीकन यूनियन को मिली एंट्री
अफ्रीकन यूनियन जी-20 समिट में शामिल हो गया है. वह अब स्थायी मेंबर बन चुका है. इस पर सभी देशों की सहमति बन चुकी है. इससे अफ्रीकी देशों में चीन का प्रभाव कम होगा. वहीं भारत का अफ्रीकी महाद्वीप में दखल बढ़ेगा. इससे चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला हो सकेगा. तेज विकास वाले 12 देशों से छह अफ्रीका से हैं. इससे भारत और अफ्रीका के बीच व्यापार बढ़ेगा.
6G टेक्नोलॉजी पर सहमति
भारत और अमेरिका के बीच 6जी टेक्नोलॉजी (6G Technology) को विकसित करने पर भी सहमति बनी चुकी है. इसके लिए अलायंस और एमओयू तैयार किए गए हैं. इसके लिए तकनीकी को विकसित करने के बजाय उसकी सप्लाई चेन पर फोकस होगा. अभी 5जी के चीन विश्व बाजार में सबसे आगे है.
HIGHLIGHTS
- चीन के प्रोजेक्ट बीआरआई काे जवाब मिला है
- व्यापार में करीब 40 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिलेगी
- पारंपरिक ईंधन पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी