G20 Summit 2023: G-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिवर्तन आज के वक्त की मांग है. अगर समय के साथ बदलाव नहीं हुआ तो पहचान और प्रासंगिकता दोनों चले जाते हैं. विश्व को बेहतर भविष्य की तरफ ले जाने के लिए यह जरूरी है कि वैश्विक व्यवस्थाएं वर्तमान की वास्तविकताओं के मुताबिक हों. आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी इसका एक उदाहरण है. प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि जब यूएन की स्थापना की गई थी, उस समय और आज के समय में बहुत बदलाव है. आज का विश्व उस समय से बिलकुल अलग था.
उस समय यूएन में 51 संस्थापक सदस्य थे. पर आज करीब 200 देश आज इसके सदस्य हैं. बावजूद इसके, UNSC में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं. इसकी भी संख्या बढ़ाने पर विचार होना चाहिए. तब से आज तक दुनिया हर स्तर पर बदल चुकी है. ट्रांसपोर्ट हो, कम्यूनिकेशन हो, हेल्थ, एजुकेशन, हर सेक्टर में बहुत परिवर्तन देखा जा चुका है. ये नई वास्तविकताएं हमारे नए ग्लोबल स्ट्रक्चर में रिफ्लेक्ट होनी चाहिए.
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परिवर्तन नहीं करने वाले खो देते हैं प्रासंगिकता
प्रधानमंत्री मोदी ने परिवर्तन पर जोर देते हुए कहा कि ये प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाती है, वो अपनी प्रासंगिकता खो देती है. हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक रीजनल फोरम्स अस्तित्व में आए हैं, और वो प्रभावी भी आगे भी बढ़ते रहे. उन्होंने कहा कि आज हर वैश्विक संस्था को अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए बदलाव करने की जरूरत है. इसी सोच के साथ हमने कल ही अफ्रीकन यूनियन को G-20 का स्थाई सदस्य बनाने की ऐतिहासिक पहल की है. इसी तरह, हमें Multilateral Development Banks के मैंडेट का विस्तार भी करना होगा. इस दिशा में हमारे फैसले तत्काल भी होने चाहिए, और प्रभावी भी होने चाहिए.
Source : News Nation Bureau