G20 Summit: भारत में अगले महीने के पहले हफ्ते में जी-20 सम्मेलन होने जा रहा है. 8 और 10 सिंतबर को राजधानी नई दिल्ली आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में दुनिया के कई शक्तिशाली राष्ट्र और ताकतवर नेता हिस्सा ले रहे हैं. यूएस प्रेजिडेंट जो बाइडेन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन लेकर कनाड़ा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जैसे पावरफुल नेताओं ने जी20 सम्मेलन में आने की हामी भर दी है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत आने से इनकार कर दिया है. रूस भारत का पुराना और भरोसेमंद दोस्त है. ऐसे में पुतिन का भारत आने से इनकार करना कई मायनों में चौंकाता है. यह खबर सुनकर आप सोच रहे होंगे कि आखिर पुतिन के भारत न आने की वजह क्या है...तो आज हम आपको जी20 सम्मेलन में हिस्सा लेने से पुतिन के इनकार की असली वजह बताते हैं.
पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को किया फोन
दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर जी20 सम्मेलन में हिस्सा न लेने की बात कही है. इस दौरान पुतिन ने कहा कि नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होने जा रहे जी20 सम्मेलन में उनकी जगह रूस की तरफ से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव प्रतिनिधित्व करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया कि टेलिफोन पर दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत हुई.
क्या है जी20 ग्रुप
जी20 विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं. जी-20 ग्रुप सी स्थापना 1999 में की गई थी. उस समय इस ग्रुप में एरजेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाड़ा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्रसिको, रूस, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएस और ईयू शामिल थे.
Source : News Nation Bureau