आतंकी बुरहान वानी को मार गिराने वाले राष्ट्रीय रायफल्स के तीन जवानों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मुठभेड़ में वानी को मार गिराए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में करीब चार महीने हिंसा और विरोध प्रदर्शन का दौर चला था, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हुई।
8 जुलाई को हुए इस सैन्य अभियान के बारे में अभी तक कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन युवा मेजर संदीप कुमार ने खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए बमदूरा गांव की घेरेबंदी की जहां सरताज अजीज के साथ दो अन्य आतंकी छिपे हुए थे। सेना के जवानों ने तत्काल गांव को घेर लिया औऱ कार्रवाई शुरू कर दी।
इसके बाद मेजर कुमार, कैप्टन माणिक शर्मा और नायक अरविंद सिंह चौहान ने मोर्चा संभाला। इस बीच गांव वालों ने सेना पर पथराव करना भी शुरू कर दिया था।
कैप्टन शर्मा और दो अन्य अधिकारियों ने घर में आतंकियों के छिपे घर में घुसने की कोशिश की जबकि मनोज कुमार उन्हें पीछे से कवर फायर दे रहे थे। हालांकि गांव वालों के पथराव की वजह से उन्हें वापस आना पड़ा। इसके बाद मनोज कुमार और उनकी टीम ने एक बार फिर से घर में घुसने की कोशिश की, तभी आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
अजीज ने भागने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया। अभी भी घर में दो आतंकी छिपे हुए थे। गांव वालों की गतिविधि बढ़ता देख मेजर कुमार ने गांव के इमाम को बुलाकर स्थानीय लोगों को शांत कराने की जिम्मेदारी सौंपी।
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बाद में मेजर और उनके जवानों ने घर में घसुने का फैसला लिया। आतंकी परवेज अहमद लश्करी सेना की टुकड़ी पर फायरिंग कर रहा था जबकि उसके पीछे एक और आतंकी छिपा हुआ था।
जवानों ने लश्करी को मार गिराया और फिर उसकी आड़ में छिपे दूसरे आतंकी को भी मार गिराया। बाद में यह जानकारी सामने आई कि आखिरी आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुरहान वानी थी जो घाटी में आतंक का पोस्टर ब्वॉय बन चुका था।
वानी के सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था। वानी की मौत के बाद घाटी में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ जो करीब चार महीने तक चला।
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HIGHLIGHTS
- हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी को मार गिराने वाले तीन अधिकारियों को मिला वीरता पुरस्कार
- बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद घाटी में करीब चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन में 100 से अधिक लोग मारे गए थे
Source : News State Buraeu