प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर यहां राज घाट पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की. वह राज घाट पर कुछ समय के लिए रुके और वहां सर्व-धर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गई. मोदी ने ट्वीट किया, 'प्रिय बापू को 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि. हम मानवता के लिए महात्मा गांधी के स्थाई योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं. हम उनके सपनों को साकार करने और बेहतर विश्व बनाने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखने का संकल्प लेते हैं.'
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इसके बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी महात्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए राज घाट पहुंचे. इससे पहले, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी स्मारक स्थल पर पहुंचे, जहां राष्ट्रपिता का अंतिम संस्कार किया गया था.
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी मौजूद थे. मोदी इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 115 वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए विजय घाट गए.
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गांधी जी की 150वीं जयंती के मौके पर आइए जानते है कि आखिर वो पढ़ाई के दौरान कैसे छात्र रहे थे और कितनी थी उनकी शैक्षिक योग्यता-
2 अक्टूबर 1869 को जन्मे गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा उनके जन्मस्थल पोरबंदर से ही हुई थी. अपने स्कूली पढ़ाई के दौरान गांधी काफी सामान्य छात्र रहे थे. वो न कक्षा में और न ही खेल के मैदान में प्रतिभाशाली थे.
इसके बाद गांधी जी 9 साल की उम्र में राजकोट चले गए, जहां उनके पिता ने एक काउंसल की भूमिका निभाई और उनकी काउंसलिंग की. 11 साल की उम्र में गांधी ने राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूलमें दाखिला लिया. इसके बाद उनका एक साल खराब भी हुआ. 13 साल की उम्र में उन्होंने शादी की और पिता के बीमार होने के चलते भी स्कूल में संघर्ष किया.
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नवंबर 1887 में, 18 साल के गांधी ने अहमदाबाद के हाई स्कूल से ग्रेजुएशन पूरी की. जनवरी 1888 में, उन्होंने भावनगर राज्य के सामलदास कॉलेज में दाखिला लिया. उस समय में यह कॉलेज उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली डिग्री देने वाला एकमात्र संस्थान था. लेकिन फिर उन्होंने कॉलेज ड्रॉप-आउट किया.
1888 में ही गांधी जी वकालत की पढ़ाई करने के लिए ब्रिटेन गए. जून 1891 में वो वकालत की पढ़ाई पूरी कर देश लौटे. 1893 में गुजराती व्यापारी शेख अब्दुल्ला के वकील के तौर पर काम करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए.
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वहीं बता दें कि बाद में अल्फ्रेड हाई स्कूल का नाम बदलकर मोहनदास करमचंद गांधी हाई स्कूल कर दिया गया. फिर बाद में 164 साल बाद, मई 2017 में स्कूल को संग्रहालय के लिए रास्ता बनाने के लिए बंद कर दिया गया.