प्रवासी श्रमिकों को गांवों में आजीविका का साधन मुहैया करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज 50,000 करोड़ रुपये के फंड के साथ 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' (Garib Kalyan Rojgar Abhiyan) लांच करेंगे. रोजगार की इस मेगा योजना की शुरुआत बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड स्थित तेलिहार गांव से होने वाली है. पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार (Bihar) के सीएम नीतीश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज सुबह 11 बजे इस इस योजना की शुरुआत करेंगे. इस योजना की शुरुआत होते ही प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव में ही 125 दिनों तक का रोजगार मिल सकेगा.
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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, देश के छह राज्यों के 116 जिले ऐसे हैं, जिनमें से हर जिले में कोरोना काल के दौरान शहरों से वापस होने वाले मजदूरों की संख्या 25,000 से ज्यादा हैं. इन 116 जिलों में 27 आकांक्षी जिले शामिल हैं. देश में 25000 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों की वापसी वाले जिलों में सबसे ज्यादा बिहार के 32 जिले हैं, जिनमें से 12 आकांक्षी जिले हैं. इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को 125 दिनों तक रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे और इन सभी जिलों में रोजगार के इच्छुक हर श्रमिक को काम मिलेगा.
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 25 तरह के कार्यों को शामिल किया है. कार्यों की सूची में कम्युनिटी सैनिटेशन कांप्लेक्स, ग्राम पंचायत भवन, वित्त आयोग निधि से करवाए जाने वाले कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य, जल संरक्षण, कुओं का निर्माण, पौधारोपण, बागवानी, आंगनवाड़ी केंद्र के साथ-साथ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, रेलवे का काम, प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना को शामिल किया गया है.
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देश के 116 जिलों में लौटे तकरीबन 67 लाख प्रवासी मजदूरों को 125 दिनों तक आजीविका का साधन मुहैया करवाने के लिए प्रधानमंत्री शनिवार को जिस 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' का शुभारंभ करेंगे, उसमें भारत नेट के तहत फाबर ऑप्टिक केबल बिछाना, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री उर्जा गंगा परियोजना, कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से आजीविका के लिए प्रशिक्षण, जिला खनिज निधि के तहत कार्य, ठोस व तरल कचरा प्रबंधन कार्य, तालाब, पशुशाला, वर्मी कंपोस्ट के कार्यों को भी शामिल किया गया है.
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