पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने एक नया खुलासा किया है। एसआईटी ने कहा कि हत्यारों में किसी एक को गौरी लंकेश के सिर पर गोली मारने को कहा गया था। एसआईटी ने कहा, कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर बेलगाम के नजदीक जंगल में रेडिकल हिंदुत्व ग्रुप के सदस्यों के संरक्षण में हत्यारों को कन्नड़ विद्वान एम एम कलबुर्गी की तरह ही हत्या करने को कहा गया था।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, गौरी लंकेश की हत्या में आरोपी शूटर परशुराम वाघमारे ने एसआईटी को संकेत दिया है कि जिन व्यक्तिों ने उसे ट्रेनिंग दी थी उसमें एक 30 अगस्त 2015 को एम एम कलबुर्गी की हत्या में भी शामिल था।
वाघमरे के खुलासे के बाद गौरी लंकेश हत्या मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट को और पुख्ता करता है। गौरी लंकेश में 30 मई को एसआईटी की प्राथमिक चार्जशीट में बताया गया था कि कलबुर्गी और लंकेश की हत्या में एक ही देसी बंदूक का इस्तेमाल हुआ था।
इस मामले में एसआईटी ने सिंदगी (कर्नाटक के विजयपुरा जिला में) निवासी परशुराम वागमारे (26) को जून महीने में गिरफ्तार किया था।
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पिछले साल पांच सितंबर को 'लंकेश पत्रिका' की संपादक गौरी लंकेश (55) की बेंगलुरू स्थित उनके आवास पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने कुल सात गोलियां मारी थी जिनमें तीन (दो छाती और एक माथे पर) गौरी को लगीं थीं।
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55 वर्षीय गौरी लंकेश धर्मनिरपेक्ष देश में हिंदूवाद को बढ़ावा दिए जाने के खिलाफ लिखती रही थी। वह दूसरे अखबारों के लिए भी कॉलम लिखती थीं और समाचार चैनलों के डिबेट में शामिल होती थीं। उन्होंने राणा अय्यूब की किताब 'गुजरात फाइल्स' का कन्नड़ में अनुवाद भी किया था।
Source : News Nation Bureau