जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू (Girish Chandra Murmu) को आज कैग (Comptroller and Auditor General) प्रमुख बना दिया गया है. इसके पहले मुर्मू ने बुधवार की शाम को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद से अचानक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस्तीफा सौंप दिया था. अब से ठीक एक साल पहले जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद गिरीश चंद्र मुर्मू को केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो अलग हिस्सों मे बांटकर उसे केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.
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अब उनकी जगह उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा लेंगे. शुक्रवार को मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के दूसरे उपराज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे. गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर रहे हैं, आपको बता दें कि मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं. गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह उनके प्रमुख सचिव भी रह चुके थे. एक मार्च 2019 से वह वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव की जिम्मेदारी देख रहे थे. सत्यपाल मलिक के बाद मुर्मू को जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया था.
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सेवानिवृत्त हो रहे हैं राजीव महर्षि
मौजूदा कैग राजीव महर्षि अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. आपको बता दें कि राजीव महर्षि राजस्थान कैडर के वर्ष 1978 के बैच के IAS अधिकारी रहे हैं. वो इसके पहले गृह सचिव के पद पर भी काम कर चुके हैं. साल 2017 में महर्षि को CAG नियुक्त किया गया था. उन्होंने शशिकांत शर्मा का स्थान लिया था. राजीव महर्षि का कार्यकाल करीब तीन वर्ष का रहा. कैग की नियुक्ति छह वर्ष के लिए होती है या तब तक के लिए होती है जब तक इस पर बैठा व्यक्ति 65 वर्ष का नहीं हो जाता. 8 अगस्त यानि की शनिवार को राजीव महर्षि 65 साल के हो जाएंगे.
Source : News Nation Bureau