देशभर के गंगा प्रेमी गंगा की निर्मलता, अविरलता के लिए लामबंद हुए. गंगा के लिए सशक्त कानून बनाने की मांग को लेकर अनशन कर रहे प्रो. जीडी अग्रवाल (स्वामी सानंद) अब इस दुनिया में नहीं रहे. गंगपुत्र स्वामी सानंद का आज AIIMS में निधन हो गया. 22 जून से अनशन कर रहे स्वामी सानंद का निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ. देशभर में गंगा के लिए सशक्त कानून बनाने की मांग कर रहे स्वामी सानंद ऋषिकेश के AIIMS में भर्ती थे. प्रोफेसर जीडी अग्रवाल 22 जून से अनशन पर थे. इस दौरान वे केवल शहद और पानी ही ले रहे थे.
अस्पताल का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मौत हो गई. उन्हें यहां लाया गया था. पोटेशियम और दिल से संबंधित दवा नसों के द्वारा दिया जा रहा था.
He suffered a cardiac arrest. He was administered a potassium and heart-related medicine intravenously when he was brought here: AIIMS Rishikesh on the death of GD Agarwal, who was on an indefinite fast in Haridwar since June 22 in a bid to urge the govt to clean river Ganga pic.twitter.com/on5atvEl8K
— ANI (@ANI) October 11, 2018
प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया. पीएम मोदी ने कहा, श्री जीडी अग्रवाल के निधन पर दुखी हूं. शिक्षा, पर्यावरण , विशेष रूप से गंगा सफाई की दिशा में उनका जुनून हमेशा याद किया जाएगा. मेरी संवेदना.
Saddened by the demise of Shri GD Agarwal Ji. His passion towards learning, education, saving the environment, particularly Ganga cleaning will always be remembered. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2018
87 साल के जीडी अग्रवाल प्रोफेसर रह चुके है और इंडियन सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में सदस्य भी रह चुके थे. स्वामी सानंद सन्यासी का जीवन जी रहे थे. स्वामी सानंद गंगा नदी की स्वच्छता से जुड़े तमाम मुद्दों पर सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचा चुके हैं. स्वामी सानंद ने इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर गंगा के लिए अलग कानून बनाने की मांग की थी. सरकार की तरफ से किसी प्रकार की पहल न होने पर वे 22 जून से अनशन पर थे.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर निशाना साधा. सुरजेवाला ने कहा, 'मोदीजी ने कहा था कि मां गंगा उन्हें बुला रही हैं लेकिन 2014 के बाद वह और दूषित हो गयी है. 22,000 करोड़ गंगा की सफाई के लिए आवंटित किये गए थे, लेकिन इसका एक चौथाई हिस्सा भी इस्तेमाल नहीं हुआ है. क्या नमामि गंगे जुमला है? जीडी अग्रवाल का त्याग शायद इस सरकार की आंखें खोल दे.'
Modi ji said river Ganga is calling him but it is even more polluted than it was in '14. Rs 22000 Cr was allotted for cleaning it,not even 1/4th of it has been used. Is Namami Gange also a 'jumla'?Maybe GD Agarwal ji's sacrifice will provide vision to this blind govt: R Surjewala pic.twitter.com/H2tGPQb7eg
— ANI (@ANI) October 11, 2018
प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के निधन पर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने शोक जताया. उन्होंने कहा, 'मैं बेहद हैरान हूं. मुझे इस बात का डर था. मैंने नितिन गडकरी और अन्य को उनके निधन की खबर के बारे में सूचित कर दिया है.
I am shocked by his demise. I had feared that this would happen. I have informed Nitin Gadkari and others about his demise: Union Minister Uma Bharti on the death of GD Agarwal, who was on an indefinite fast in Haridwar since June 22 in a bid to urge the govt to clean river Ganga pic.twitter.com/JBYSqPFBtU
— ANI (@ANI) October 11, 2018
प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का अनशन खत्म कराने के लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती उनसे मिलने गई थीं और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी फोन पर उनसे बातचीत की थी. स्वामी ने एक्ट लागू होने तक अनशन जारी रखने की बात कही थी. मंगलवार को जल-अन्न त्याग देने के बाद, प्रशासन ने जबरन उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था. बता दें कि स्वामी सानंद के निधन की खबर के बाद गंगप्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई.