केरल के सबरीमाला मंदिर में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 10 से 50 आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के आदेश का कड़ा विरोध होने के बीच सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने शनिवार को कहा कि वे अभी भी मंदिर जाने के लिए दृढ़ हैं. मुंबई में मलयालम टीवी चैनल पर बात करते हुए देसाई ने कहा, 'सुप्रीम ने महिलाओं के मूल अधिकारों के समर्थन में आदेश दिया है तो वे जल्द ही सबरीमाला मंदिर जाने की अपनी तिथि घोषित करेंगी.'
मुंबई की हाजी अली दरगाह समेत कई तीर्थस्थलों के दरवाजे महिलाओं के लिए खोलने में तृप्ति देसाई ने प्रमुख भूमिका निभाई है. पुणे की भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक और कार्यकर्ता देसाई के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केरल इकाई के अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि देसाई को भगवान अयप्पा के मंदिर के श्रद्धालुओं की भावनाओं को चुनौती नहीं देनी चाहिए.
सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के विरोध में तिरुवनंतपुरम से अलप्पुझा तक रैली की अगुआई करने वाले पिल्लई ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, 'सभी की भलाई के लिए उन्हें हजारों श्रद्धालुओं की भावनाओं को चुनौती नहीं देनी चाहिए.'
मंदिर के द्वार नियमित मासिक पूजा के लिए 18 अक्टूबर को खुलेंगे.
Source : IANS